नई दिल्ली, Inkhabar Exclusive। कुख्यात गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के बाहर 15 अप्रैल को पुलिस की सुरक्षा के बीच कर दी गई थी। इस दौरान तीन हमलावरों ने अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। ऐसे में कई दशकों तक खौफ […]
नई दिल्ली, Inkhabar Exclusive। कुख्यात गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के बाहर 15 अप्रैल को पुलिस की सुरक्षा के बीच कर दी गई थी। इस दौरान तीन हमलावरों ने अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। ऐसे में कई दशकों तक खौफ का साम्राज्य चलाने वाले अतीक अहमद का अंत हो गया ।
इस बीच अतीक अहमद के खौफ के अलावा आखिर किसी तरह अतीक का साम्राज्य काम करता था। इसकी जानकारी के लिए INKHABAR की टीम अतीक के गांव कसारी-मसारी पहुंची इस दौरान हमनें अतीक के करीबी रिश्तेदार मोहम्मद जीशान से बात की। बता दें, जीशान के बड़े भाई मोहम्मद इमरान और अतीक की साली का विवाह एक दूसरे के साथ हुआ है। ऐसे में रिश्ते में जीशान अतीक के साढू लगते है।
इस दौरान जीशान ने अतीक के साथ अपनी दुश्मनी को लेकर काफी बड़े खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि पहले अतीक आम तौर पर मुझे और मेरे परिवार को धमकाने के अलावा छिटपुट घटनाएं करता था। लेकिन जब मेरे परिवार के साथ इन लोगों ने मारपीट करना शुरु किया। तो मैंने नजदीक के पुलिस थाने में अतीक और उसके बेटे असद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था। इसके बाद अतीक मेरे खून का प्यासा हो गया था। जानिए जीशान ने क्या कहा-
इस दौरान मोहम्मद जीशान ने Inkhabar से बात करते हुए कहा कि 2017 में जब हमने अपना रियल एस्टेट का बिजनेस शुरू किया, तो उसके कुछ समय बाद ही मुझे अतीक का फोन आने लगा। अतीक ने फोन करते हुए अपने घर पर आने के लिए कहा था, ऐसे में जब मैंने अतीक के फोन का जिक्र परिवार वालों से किया तो मुझे मेरे बड़े भाई ने चेतावनी दी कि अतीक के साथ बिजनेस करने का मतलब है तबाही होना। इसके बाद मैंने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया और काम के सिलसिले में अन्य जिलों का दौरा करने लगा।
जीशान ने बताया कि कुछ समय बाद अतीक ने अपने 15 से 20 गुर्गे मेरे पीछे छोड़ दिए थे। जब भी कानपुर या लखनऊ से अपने काम को खत्म करके घर लौटता था तो अक्सर अतीक के लोग मेरा पीछा करते थे। इसके अलावा मेरी लोकेशन मैं कहां जाता हूं, किससे मिलता हूं इसकी सारी जानकारी अतीक अपने पास रखने लगा। लेकिन मैंने भी सोच लिया था अब अतीक से लड़ कर ही रहूंगा, चाहे अतीक मेरी हत्या ही कर दें।
जीशान ने बताया कि, जब अतीक को लगने लगा कि मैं इससे डर नहीं रहा हूं तो अपने गुंडों के जरिए ये मुझे धमकाने लगा। इस दौरान कभी मेरे घर पर पत्थर फेंका गए, गाड़ी चलाते समय एक दम मेरे आगे आकर अपनी गाड़ी को खड़ा कर देते थे, हार्न बजाकर चेतावनी देते थे। ऐसा इन्होंने मेरे साथ 3 से 4 साल तक किया। लेकिन जब अतीक ने देखा कि मैं अभी भी डरा नहीं हूं, तो 31 दिसंबर 2021 की शाम को अतीक का बेटा अली अपनी गाड़ी में हमारे घर आता है और अपने गुर्गे के साथ हमें घेर लेता है। इस दौरान उनके पास पिस्टल से लेकर डंडे सब कुछ थे। अली मेरे पास आता है और बंदूक कनपटी में लगाकर अतीक से फोन में बात करने के लिए कहता है।
जीशान का कहना था कि, असली दुश्मनी तब शुरु हुई जब मैंने अतीक और उसके बेटे के खिलाफ पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमें के बाद अतीक को ये एहसास होने लगा कि आज तक मेरे बेटे के खिलाफ किसी ने केस दर्ज नहीं किया, लेकिन मेरे ही एक रिश्तेदार ने बेटे के साथ ऐसा किया है। इसके बाद अतीक मेरी जान का दुश्मन बन गया। दिसंबर वाले एक्सीडेंट के बाद तीन ही महीने गुजरे थे कि इन्होंने पुरामुफ्ती थाने के फंडगांव के पास मेरी गाड़ी को रोककर गोलीबारी करना शुरु कर दिया।
इस दौरान सारी गोलियां मेरी गाड़ी में लगी और किसी तरह मैंने पास के जंगल में भागकर अपनी जान बचाई। ये मेरी किस्मत थी कि मैं अतीक द्वारा किए गए इतने हमलों के बाद भी नहीं मरा था। इसके बाद मैंने अतीक के खिलाफ लगातार कोर्ट में पैरवी की वकीलों की इतनी लंबी फौज को खड़ा किया, मैंने सोच लिया था कि मेरे परिवार के साथ की गई मारपीट का बदला में अतीक से लेकर रहूंगा।