नई दिल्ली। धार्मिक संस्थानों को आयकर में मिलने वाली छूट के नियमों में अब आयकर विभाग ने बदलाव किए है। धार्मिक संस्थानों में होने वाले लेन-देन का विवरण अब सभी संस्थानों को विभाग को देना होगा। आयकर नियमों में किए गए ये संशोधन 1 अक्टूबर से लागू होंगे।
आयकर विभाग के द्वारा किए गए इन बदलावों के मुताबिक सबसे पहले छूट की मांग करने वाले संस्थानों को ये दिखाना होगा कि उनकी गतिविधियां धार्मिक है भी या नहीं। इसके अलावा एक दिन में किसी व्यक्ति से दो लाख रुपए से अधिक का दान मिलने पर दान देने वाले व्यक्ति का नाम, पता, भुगतान की राशि के अलावा पैन की जानकारी भी विभाग को देने होगी।
आयकर विभाग द्वारा किए गए संशोधनों को लेकर नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर विश्वास पंजियार ने कहा कि सरकार ने हाल ही में टैक्स छूट का दावा करने या इनकम टैक्स एक्ट के तहत 80 जी सर्टिफिकेट पाने के लिए धार्मिक संस्थानों के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया में बदलाव किए थे। सरकार ने मुख्य तौर पर आयकर नियमों ( नियम 2सी, 11एए और 17 ए ) में बदलाव किए है। संशोधित नियम 1 अक्टूबर 2023 से ही लागू होंगे। बता दें, आयकर कानून के तहत धर्मार्थ संस्थानों, धार्मिक ट्रस्टों और चिकित्सा व शैक्षणिक संस्थानों की आय को कर से छूट मिली हुई है। इस छूट के लिए इन संस्थानों को आयकर विभाग के पास रजिस्ट्रेशन कराना होता है।
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