नई दिल्ली, भारतीय महिला टीम ने लॉन बॉल के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को पांच अंकों से हराकर इतिहास रच लिया है, भारतीय महिला टीम ने लॉन बॉल में स्वर्ण पदक हासिल किया है. भारतीय टीम ने 17-10 से साउथ अफ्रीका को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है. ये हैं खेल के नियम […]
नई दिल्ली, भारतीय महिला टीम ने लॉन बॉल के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को पांच अंकों से हराकर इतिहास रच लिया है, भारतीय महिला टीम ने लॉन बॉल में स्वर्ण पदक हासिल किया है. भारतीय टीम ने 17-10 से साउथ अफ्रीका को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है.
इस गेम को खेलने के लिये जो सबसे जरूरी चीज़ है वो है गेंद. यह एक आउटडोर खेल होता है जिसमें घास के मैदान पर कुछ गेंदे रखी जाती हैं और खिलाड़ियों को बारी-बारी से एक निश्चित दूरी से अपनी गेंद को उस बॉल के पास पहुंचाने की कोशिश करनी होती है. वहीं, जिस गेंद पर निशाना लगाया जाता है उसे जैक कहते हैं, और खेल में जैक और खिलाड़ियों के बीच की दूरी को मैच शुरू होने के बाद तय किया जाता है. यह दूरी जैक को फेंकने से तय होती है, और इसमें फेंकने वाली टीम का चयन टॉस से होता है. टॉस हारने वाली टीम जैक को फेंकती है और फिर किस दूरी से गेंद फेंकना है उसका पता चल जाता है.
इसके बाद दो प्रतिस्पर्धियों (सिंगल्स, जोड़ी या फिर टीम) के बीच मैदान को दो छोर में बांट दिया जाता है और जैक के चारों छोर को 4 अलग-अलग कैटेगरी में बाँट दिया जाता है, जिन्हें सिंगल्स, पेयर्स, ट्रिपल्स और फोर्स के नाम से जाना जाता है. एक बार में कितनी गेंद फेंकी जा सकती है ये तो गेम के प्रारूप (सिंगल्स, जोड़ी या फिर टीम) पर निर्भर करता है कि वो कैसे खेला जा रहा है.
सिंगल्स प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को शुरुआत में 4 मौके दिए जाते हैं जबकि टीम के हर सदस्य को प्रति छोर से 2-2 मौके दिये जाते हैं. जो भी खिलाड़ी गेंद को जैक के सबसे करीब फेंकता है उसे बारी के अंत में अंक दे दिया जाता है, वहीं, एक खिलाड़ी की टीम से जितने खिलाड़ी जैक के करीब होते हैं उसे उतने ही अंक दिए जाते हैं, तो अगर टीम ए ने टीम बी के मुकाबले 2 बार ज्यादा जैक के करीब गेंद फेंकी तो टीम ए को दो अंक मिल जाएंगे.