नई दिल्ली। भारत ने गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद अमेरिका में इसका असर दिखने को मिल रहा है। चावल पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद अब अमेरिकी दुकानों में लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं। बता दें सरकार ने आने वाले त्योहारों […]
नई दिल्ली। भारत ने गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद अमेरिका में इसका असर दिखने को मिल रहा है। चावल पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद अब अमेरिकी दुकानों में लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं। बता दें सरकार ने आने वाले त्योहारों के लिए घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और खुदरा कीमतों को काबू में रखने के लिए 20 जुलाई को चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
चावल के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद अब विदेश में रह रहे एशियाई मूल के लोग चावल खरीदेने के लिए दुकानों पर इकट्ठा हो रहे हैं। चावल की अचानक बढ़ी मांग के बाद अमेरिकी दुकानों ने भी चावल की खरीददारी को लेकर पांबदियां लगाना शुरू कर दिया हैं। कई दुकानों ने समस्या से निपटने के लिए एक परिवार को चावल का 1 बैग ही देने का फैसला किया है। इन प्रतिबंधों को देखते हुए लोगों ने घरों में चावल की जमाखोरी करना भी शुरू कर दिया है।
#India bans rice exports, sparking chaos Panic inside for rice in America.
Look at the chaos amongst NRI’s for buying rice stock in USA 🇺🇸 #RiceBan pic.twitter.com/AG21Yqw70d
— Amitabh Chaudhary (@MithilaWaala) July 22, 2023
वहीं भारत के प्रतिबंधों पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गैरींचस ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मौजूद समय में इस प्रकार के प्रतिबंध बाकी दुनिया में खाद्य कीमतों में अस्थितरता पैदा कर सकते हैं और इसके बाद बाकी देश भी बदले में कोई कार्रवाई कर सकते हैं। हम भारत को चावल के निर्यात पर लगाए प्रतिबंध को हटाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे, क्योंकि इनसे दुनिया पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
BRS ने राज्यसभा सांसदों को जारी किया व्हिप, दिल्ली सेवा अध्यादेश के खिलाफ वोट डालने के लिए कहा
यशस्वी जायसवाल को मिला टेस्ट में अच्छी पारी का इनाम, ICC की ताजा जारी रैंकिंग में सुधार