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IMD Monsoon prediction 2025: मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान, इस साल खूब बरसेंगे बदरा, अलनीनो का खतरा नहीं

अप्रैल के महीनं में पड़ भीषण गर्मी ने सोचने को मजबूर कर दिया है कि मई जून में क्या होगा. इस बीच मौसम विभाग ने अच्छी खबर दी है, उसने मानसून को लेकर जारी पूर्वानुमान में कहा है कि कि इस साल बदरा बरसेंगे और खूब बरसेंगे. मौसम विभाग की तरफ से मानसून को लेकर जो पूर्वानुमान जारी किया गया है, उसके मुताबिक इस साल मानसून की बारिश सामान्‍य से ज्‍यादा रहेगी.

IMD Predictions for Monsoon 2025
inkhbar News
  • April 15, 2025 8:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 week ago

अप्रैल के महीने में पड़ रही जबरदस्त गर्मी ने लोगों की हालत खराब कर दी है. हर कोई इस बात से डरा है कि मई और जून में क्या होगा और मानसून कब आएगा. मानसून और बारिश को लेकर अच्छी है कि इस साल बदरा बरसेंगे और खूब बरसेंगे. मौसम विभाग की तरफ से मानसून को लेकर जो पूर्वानुमान जारी किया गया है, उसके मुताबिक इस साल मानसून की बारिश सामान्‍य से ज्‍यादा रहेगी. विभाग ने दावा किया है कि देश में मानसून का असर 105 प्रतिशत रह सकता है. अगर यह पूर्वानुमान सही निकला तो यह लगातार 10वां साल होगा जब मानसून की बारिश सामान्‍य या उससे ऊपर रहेगी.

IMD ने जारी किया पूर्वानुमान

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दिल्‍ली, पंजाब, उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, गुजरात, महाराष्‍ट्र तक इस साल साउथ-वेस्‍ट मानसून से अच्‍छी बारिश होगी. केरल,  कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में भी झूब के बदरा बरसेंगे. उन्होंने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम मानसून वर्षा से जुड़ी अल नीनो की स्थिति इस बार विकसित होने की संभावना नहीं है. 2025 में 105% यानी 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है, मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि यह लगातार दूसरा साल है जब IMD ने मानसून के लिए सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है. आपको बता दें कि मानसून 1 जून के आसपास केरल से आता है. 4 महीने बाद यानी सितंबर के अंत में राजस्थान के रास्ते मानसून की वापसी होती है. कई राज्यों में यह 15 से 25 जून के बीच पहुंचता है.

अल नीनो का असर नहीं

अगर यह पूर्वानुमान सटीक साबित होता है, तो 2025 लगातार 10वां वर्ष होगा, जब भारत में जून-सितंबर के मुख्य मानसून मौसम में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की जाएगी. उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया में जनवरी-मार्च के दौरान कम हिमपात हुआ. यह मानसून के साथ उल्टा संबंध रखता है. ऐसे में यह इस मानसून में अच्‍छी बारिश के लिए अनुकूल परिस्थिति है.अल नीनो और हिंद महासागर डायपोल (IOD) के कारण भी मानसून पर असर पड़ता है लेकिन दोनों न्यूट्रल स्थिति में हैं.

इन आठ राज्यों में कम होगी बारिश

IMD अधिकारियों ने कहा कि मानसून के दौरान अल नीनो की स्थिति उत्पन्न होने की कोई संभावना नहीं है. मोहपात्रा ने बताया कि देश के अधिकांश भौगोलिक क्षेत्रों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. हालांकि, तमिलनाडु, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, बिहार के कुछ हिस्सों और लद्दाख में सामान्य से कम बारिश हो सकती है. IMD हर साल अप्रैल और मई के अंत में दो चरणों में LRF यानी लांग पीरियड एवरेज जारी करता है. दूसरा पूर्वानुमान मई के अंत में केरल में मानसून की शुरुआत से ठीक पहले जारी किया जाएगा.

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