कश्मीर। गुरुवार को भारतीय सेना के ट्रक पर आतंकियों द्वारा घात लगाकर आंतकी हमले की वारदात के बाद जम्मू कश्मीर के पुंछ में सांगियोट गांव के लोगों ने इस साल ईद-उल-फितर का त्यौहार नहीं मनाने का फैसला किया है। बता दें, आतंकियों की इस कायराना हरकत से राष्ट्रीय राइफल्स से जुड़े पांच सैनिक शहीद हुए […]
कश्मीर। गुरुवार को भारतीय सेना के ट्रक पर आतंकियों द्वारा घात लगाकर आंतकी हमले की वारदात के बाद जम्मू कश्मीर के पुंछ में सांगियोट गांव के लोगों ने इस साल ईद-उल-फितर का त्यौहार नहीं मनाने का फैसला किया है। बता दें, आतंकियों की इस कायराना हरकत से राष्ट्रीय राइफल्स से जुड़े पांच सैनिक शहीद हुए थे। बताया जा रहा है कि सेना का ये ट्रक गुरुवार शाम को आयोजित होने वाली इफ्तार पार्टी के लिए फल और अन्य सामान ले जा रहा था। जानकारी के अनुसार हमले को लेकर बनाई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि ये ट्रक बालाकोट में स्थित राष्ट्रीय राइफल्स के बसूनी मुख्यालय से इफ्तार की सामग्री ले जा रहा था।
बता दें इस हमले के बाद से ही सांगियोट गांव के लोग काफी ज्यादा दुखी है। इसी को लेकर सांगियोट पंचायत के सरपंच मुख्तियाज खान ने कहा कि जैसे ही हमें सोशल मीडिया समूहों से आतंकी हमले के बारे में जानकारी मिली थी, वैसे ही पूरे गांव में निराशा छा गई थी। इसके बाद ईद को लेकर आयोजित होनी वाली सभी इफ्तार पार्टियों को तुरंत रद्द कर दिया गया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों का फैसला है कि शनिवार को होने वाली ईद नहीं मनाएंगे, वे केवल नमाज अदा करेंगे।
बता दें, गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना की गाड़ी पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन People’s Anti Fascist Front (PAFF) ने ली थी। PAFF का कनेक्शन जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन से बताया जाता है। इस संगठन की चर्चा पहली बार तब हुई थी जब 2019 में जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को हटाया गया था।