लखनऊ। वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) का एएसआई सर्वे कराने की इजाजत दे दी है। इस मामले में 14 जुलाई को सभी पक्षों की बहस पूरी हो चुकी थी। जिसके बाद आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने विवादित हिस्से (वजूखाना) को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे कराने की अनुमति […]
लखनऊ। वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) का एएसआई सर्वे कराने की इजाजत दे दी है। इस मामले में 14 जुलाई को सभी पक्षों की बहस पूरी हो चुकी थी। जिसके बाद आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने विवादित हिस्से (वजूखाना) को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे कराने की अनुमति दी है। इस बीच ज्ञानवापी पर आए फैसले पर राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने प्रतिक्रिया दी है।
#WATCH ASI ने ही रामजन्मभूमि की खुदाई कर प्रमाणित किया था कि वहां मंदिर था जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। अब ASI को ज्ञानवापी का सर्वे करने के लिए दिया गया है, वहां भी ऐसा ही होगा। सर्वे करने का आदेश देने के लिए मैं कोर्ट को धन्यवाद देता हूं। सर्वे से मंदिर का स्वरूप स्पष्ट हो… pic.twitter.com/8o0J7Wz0Fa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2023
उन्होंने कहा कि एएसआई ने राम जन्मभूमि की खुदाई कर प्रमाणित किया था कि वहां मंदिर था जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। अब एएसाई को ज्ञानवापी का सर्वे करने का आदेश दिया गया है, वहां भी ऐसा ही होगा। सर्वे करने का आदेश देने के लिए मैं कोर्ट को धन्यवाद देता हूं। सर्वे से मंदिर का स्वरूप स्पष्ट हो जाएगा।
बता दें कि हिंदूपक्ष ने इस मामले में अपना कैविएट दाखिल किया था। 4 महिलाओं की ओर से ज्ञानवापी सर्वे की मांग की गयी थी। 14 जुलाई को हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने वाराणसी जिला जज की अदालत में कहा था कि ज्ञानवापी आदिविश्वेश्वर का मूल स्थान है, इस जगह से लाखों लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई है। मौखिक साक्ष्य के आधार पर कोई पक्ष नहीं रखा जा सकता है इसलिए सर्वे अनिवार्य है।
वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से कहा गया कि यहां पहले से ही मस्जिद थी, इसे किसी धार्मिक स्थल के स्थान पर नहीं बनाया गया है। अदालत ने दोनों पक्षों की बात सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में अब अदालत ने एएसआई सर्वे की मंजूरी दे दी है।