अहमदाबाद. गुजरात में आम आदमी पार्टी की एंट्री के बाद जहाँ यहाँ त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है तो वहीं हिमाचल में कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर देखने को मिलने वाली है. गुजरात में दूसरे चरण में 61 राजनीतिक पार्टियों के 833 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं तो वहीं मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह पटेल की किस्मत भी आज ही ईवीएम में कैद हो गई है. बता दें पहले चरण में 89 सीटों पर 1 दिसंबर को मतदान हुआ था, इसमें सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात की सीटें शामिल थीं. पहले चरण में 63.31 फीसदी मतदान हुआ था, वहीं दूसरे चरण के लिए मतदान जारी है. दोपहर 3 बजे तक 50.51 फीसदी मतदान किया जा चुका है.
गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को तो वहीं हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 8 जनवरी 2023 को खत्म हो रहा है. 2017 के चुनाव में भाजपा ने गुजरात विधानसभा की 182 में से 99 सीटों पर जीत हासिल की थी, उस समय कांग्रेस ने 77 सीटें हासिल की थीं. चुनाव के बाद भाजपा ने विजय रूपाणी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. हालांकि, सितंबर 2021 में रूपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बना दिया गया था, ऐसे में इस बार भूपेंद्र पटेल की किस्मत का फैसला हो जाएगा. गुजरात में साल 2017 में 9 दिसंबर से 14 दिसंबर के बीच वोटिंग हुई थी और 18 दिसंबर को नतीजे आए थे, बता दें गुजरात विधानसभा में बहुमत के लिए 92 सीटें जरूरी है.
राजकोट पश्चिम से निर्दलीय उम्मीदवार भूपेंद्र भावनभाई पटोलिया पहले चरण के सबसे गरीब प्रत्याशी हैं और इन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति शून्य दिखाई है. भूपेंद्र के पास न तो चल संपत्ति है और न ही अचल संपत्ति है मतलब न तो इनके पास रहने का खुद का कोई घर है और न ही चुनाव में खर्च करने के लिए कोई भी पैसे, यहां तक की पम्पलेट और पोस्टर छपवाने के लिए भी इनके पास पैसे नहीं हैं.
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