चेन्नई। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद तमिलनाडु सरकार के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को लेकर राज्यपाल आरएन रवि ने बड़ा फैसला लिया है। राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है। बता दें कि सेंथिल बालाजी को 14 जून को प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग […]
चेन्नई। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद तमिलनाडु सरकार के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को लेकर राज्यपाल आरएन रवि ने बड़ा फैसला लिया है। राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है। बता दें कि सेंथिल बालाजी को 14 जून को प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था।
इस बीच राज्यपाल के फैसले पर मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का बयान आया है, उन्होंने राज्यपाल के फैसले का विरोध करते हुए इसे गैरकानूनी बताया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल आरएन रवि के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वो किसी मंत्री को बर्खास्त कर दें, हम कानूनी तौर पर इसका सामना करेंगे। क्या कोई राज्यपाल किसी मंत्री को बर्खास्त कर सकता है, इसको लेकर देश के संविधान में क्या कहा गया ? आइए आपको बताते है –
संविधान के अनुच्छेद 164 (1) में राज्यपाल की शक्तियों का जिक्र किया गया है। अनुच्छेद 164 (1) के अनुसार मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाएगी और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल मुख्यमंत्री की सलाह पर करेगा।
इसका मतलब राज्यपाल को मुख्यमंत्री की नियुक्ति करते समय किसी की भी सलाह लेने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन मंत्रियों की नियुक्ति के लिए उसे मुख्यमंत्री की सहमति लेना जरूरी है। इसके अलावा अगर कोई मंत्री राज्यपाल या उनके कार्यालय की गरिमा को कम करता है, तो राजभवन मुख्यमंत्री को मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दे सकते हैं, लेकिन मंत्री को हटाना है या नहीं इसका अधिकार क्षेत्र मुख्यमंत्री के पास ही रहता है।
Tamil Nadu: राज्यपाल के पास अधिकार नहीं, हम कानूनी तौर पर इसका सामना करेंगे – एम के स्टालिन