भोपाल। सीहोर इलाके से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां पर बोरवेल में गिरी बच्ची को 55 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद निकाला जा चुका है. हालांकि दुख की खबर ये है कि ढाई वर्षीय बच्ची को बचाया नहीं जा सका. 100 फीट नीचे पहुंच गई थी बच्ची मध्यप्रदेश के सीहोर में पिछले […]
भोपाल। सीहोर इलाके से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां पर बोरवेल में गिरी बच्ची को 55 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद निकाला जा चुका है. हालांकि दुख की खबर ये है कि ढाई वर्षीय बच्ची को बचाया नहीं जा सका.
मध्यप्रदेश के सीहोर में पिछले तीन दिनों से जिस बच्ची को 300 फ़ीट गहरे बोरवेल से निकालने के प्रयास किए जा रहे थे वह आज सफल हुए हैं. गुरुवार को ढाई वर्षीय सृष्टि को बोरवेल से निकाल लिया गया है. मंगलवार को सृष्टि खेलते हुए इस 300 फ़ीट बोरवेल में जा गिरी थी जिसके बाद वह धीरे-धीरे 20 फ़ीट से खिसकते हुए 100 फ़ीट नीचे गिर पहुंच गई थी. हालांकि तीन दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची की जान बचा ली गई है. बता दें, इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और दिल्ली से आई टेक्निकल टीम लगी हुई थी.
सभी प्रयास विफल होने के बाद बुधवार को दिल्ली से रोबोटिक एक्सपर्ट बुलाए गए थे जिनकी मदद से बच्ची को बाहर निकाला गया. जानकारी के अनुसार गुरुवार की सुबह रोबोटिक एक्सपर्ट की टीम ने अपना बचाव अभियान शुरू किया गया. तीन दिन से बच्ची तक पाइप की मदद से ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी. धीरे-धीरे बच्ची बोरवेल में नीचे की ओर फिसलती जा रही थी जिसे समय रहते निकाल लिया गया, हालांकि बच्ची को बचाया नहीं जा सका.
बता दें, एक ओर बच्ची को बचाने के सभी प्रयास किए जा रहे थे वहीं दूसरी ओर रेस्क्यू टीम ढाई वर्षीय तक पहुंचने के लिए बोरवेल के समानांतर खुदाई भी कर रही थी. जिस इलाके में बोरवेल बनाया गया है वो पथरीला इलाका माना जाता है जिससे रेस्क्यू टीम की मुश्किलें और भी बढ़ गई. एसडीआरएफ, NDRF सेना के जवानों ने इस समय मोर्चा संभाल रखा था वहीं इमरजेंसी बोरवेल रेस्क्यू के लिए दिल्ली से रोबोटिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया. बच्ची को सकुशल निकालने के लिए प्रार्थनाओं का दौर भी चलता रहा जो आखिरकार काम भी आया. जहां सभी तरह के प्रयास किए जा रहे थे वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि मशीनों के कंपन के चलते बच्ची बोरवेल में और नीचे जा फंसी थी. इससे पहले वह केवल 20 फ़ीट की गहराई पर थी.