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विपक्षी दलों द्वारा नए संसद के उद्घाटन का बहिष्कार करने पर विदेश मंत्री जयशंकर का बयान, जानिए क्या कहा

नई दिल्ली। नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को पीएम मोदी करेंगे। इसी दौरान 19 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इस बीच विपक्षी दलों द्वारा नए संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर का बयान आया है। क्या बोले एस. जयशंकर  मीडिया […]

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विपक्षी दलों द्वारा नए संसद के उद्घाटन का बहिष्कार करने पर विदेश मंत्री जयशंकर का बयान, जानिए क्या कहा
  • May 26, 2023 11:46 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को पीएम मोदी करेंगे। इसी दौरान 19 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इस बीच विपक्षी दलों द्वारा नए संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर का बयान आया है।

क्या बोले एस. जयशंकर 

मीडिया से बात करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि संसद भवन का उद्घाटन लोकतंत्र का एक उत्सव है और हमें उत्सव के तौर पर इस उद्धाटन समारोह को लेना चाहिए। इस मुद्दे को विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए। अगर ये विवाद का विषय बनता है तो ये दुर्भाग्य है। कुछ लोगों की ये कोशिश चल रही है कि ये उत्सव अच्छे से नहीं बनाया जाए। लेकिन वो इसमें सफल नहीं हो पाएंगे।

प्रह्लाद जोशी ने की विपक्ष से अपील

इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को विपक्षी दलों से इस बहिष्कार पर फिर से विचार करने की अपील की है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं विपक्षी नेताओं को बताना चाहता हूं कि यह एक ऐतिहासिक घटना है। इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। यह राजनीति का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि नई संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना और उसे मुद्दा बनाना सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं विपक्षी पार्टियों से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं।

19 विपक्षी दलों ने किया है बहिष्कार

बता दें कि 19 विपक्षी दलों ने उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया है। उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नई संसद की इमारत का उद्घाटन करें। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब) के सांसद संजय राउत इस मामले को लेकर ज्यादा मुखर हैं। उन्होंने कहा है कि पीएम विदेश में जाकर लोकतंत्र की बात करते हैं, जबकि सच्चाई तो ये है कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी सबसे पहले राष्ट्रपति को नए सांसद भवन के उद्घाटन का न्योता दीजिए, उसके बाद लोकतंत्र की बात कीजिए।

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