नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक शुरू हो गई है। इस बार यह आयोजन दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रहा है। इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हो रही हैं। जीएसटी काउंसिल की इस बार की बैठक में अपीलीय न्यायाधिकरणों के गठन और पान मसाला व गुटखा कारोबार में कर चोरी पर लगाम लगाने की व्यवस्था पर चर्चा हो सकती है। आपको बता दें कि देश में आम बजट के पेश होने के बाद यह जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक है।
इस बैठक में आज वित्त मंत्री कई अहम फैसले ले सकती हैं। जिनमें पान मसाला और गुटखा बिजनेस पर टैक्स चोरी को रोकने के लिए अपीलेट ट्रिब्यूनल की स्थापना करने पर चर्चा होने की संभावना है। इसका मकसद टैक्स चोरी पर रोक लगाना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा था कि, राज्यों की सहमति के बाद पेट्रोलियम प्रोडक्ट को गुड्स एंड सर्विस टैक्स के तहत लाया जा सकता है। उनका कहना था कि राज्यों के सहमत होने के बाद, हम पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाएंगे। फिलहाल पांच पेट्रोलियम उत्पाद कच्चा तेल, पेट्रोल, हाई स्पीड डीजल, प्राकृतिक गैस और विमान ईधन जीएसटी से दायरे से बाहर है। इन उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने के बारे में जीएसटी काउंसिल विचार कर सकती है।
वहीं बैठक से पहले ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने मांग की है कि जीएसटी परिषद को 1.50 करोड़ रुपए तक सलाना कारोबार वाली फर्म को जीएसटी से छूट देनी चाहिए। इसके अलावा राज्यवार पंजीकरण की जरूरत को भी खत्म करना चाहिए। जीटीआरआई ने कहा परिषद को सात सुधारों का सुझाव देते हुए कहा कि जीएसटी परिषद को अब कर अनुपालन को सुगम बनाकर फायदा बढ़ाने की जरूरत पर ध्यान देना चाहिए। ऐसा करना देश की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों के लिए पासा पलटने वाला साबित होगा। वे नए रोजगार देने के साथ वृद्धि को भी रफ्तार दे सकेंगी।
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