मुंबई से सटे ठाणे के मीरा भायंदर स्थित बालेशाह पीर दरगाह पर बुलडोजर चल सकता है. फडणवीस सरकार ने 10 मई तक इस दरगाह को गिराने के आदेश दिये हैं. इसके बाद वहां हड़कंप मचा हुआ है. राज्य के राजस्व मंत्री और महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि यह दरगाह मीरा भायंदर के चौक एरिया में 10 हजार स्क्वायर फीट में बनी हुई है.
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का कहना है कि कई बार नोटिस दिया गया लेकिन अवैध कब्जे का आकार बढ़ता जा रहा है. बकौल बावनकुले यह विषय सदन में उठा था, अब मीरा भायंदर महानगर पालिका और कलेक्टर ने दरगाह को नोटिस दिया है. यह दरगाह सरकारी जगह पर है, जो कि रेवेन्यू लैंड है. इस अतिक्रमण को हटना चाहिए. इस दरगाह पर साल में एक बार मेला भी लगता है. खास बात यह है कि इस दरगाह पर औरतों का जाना मना है.
मीरा भायंदर के इस दरगाह के पास में एक मस्जिद है जिसमें नमाज पढ़ी जाती है. एक पहाड़ी के पास उतन गांव में स्थित दरगाह को लेकर विवाद बढ़ गया है. दरगाह कमेटी कह रही है कि मामला हाईकोर्ट में लंबित है. सरकार की तरफ से दरगाह को गिराने का आदेश जारी करते ही मीरा भायंदर की पॉलिटिक्स गरमा गई है.
दरअसल यह सुरक्षा से जुड़ा मामला है जिसमें सरकार किसी तरह का कोई जोखिम नहीं लेना चाहती. पुलिस ने 2011 में मीरा भयंदर के कलेक्टर को एक गुप्त पत्र लिखा था, जिसमें दरगाह को सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था. पुलिस को आशंका है कि आतंकवादी समुद्र के रास्ते इस इलाके में घुसकर दरगाह में छुप सकते हैं.
जैसे कि 26/11 मुंबई हमले में हुआ था. उस घटना में भी आतंकी समु्द्र के रास्ते मुंबई में दाखिल हुए थे. हाल ही में खत्म हुए महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र में भाजपा नेता निरंजन डावखरे ने इस मामले को उठाया था और कहा था कि दरगाह सुरक्षा के लिए खतरा है. बीजेपी नेता एडवोकेट रवि व्यास और हिंदू टास्क फोर्स संस्थापक खुश खंडेलवाल ने 2 मार्च 2024 को बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर अतिक्रमण के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया था. ऐसे में सरकार ने इसे 10 मई तक हटाने का निर्णय लिया है.
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