Biparjoy cyclone, Inkhabar। चक्रवात बिपरजॉय (Biparjoy) का असर केवल इंडिया ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी देखने को मिल रहा है। ये तूफान 15 जून को भारत समेत पाकिस्तान के तटों से टकराने वाला है। लेकिन इससे पहले ही इसका असर दोनों देशों में दिखना शुरू हो चुका है। बता दें, पाकिस्तान के मौसम विभाग […]
Biparjoy cyclone, Inkhabar। चक्रवात बिपरजॉय (Biparjoy) का असर केवल इंडिया ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी देखने को मिल रहा है। ये तूफान 15 जून को भारत समेत पाकिस्तान के तटों से टकराने वाला है। लेकिन इससे पहले ही इसका असर दोनों देशों में दिखना शुरू हो चुका है। बता दें, पाकिस्तान के मौसम विभाग ने कराची में बादल फटने जैसी घटनाओं की आशंका भी जताई है। इतना ही नहीं स्थिति को देखते हुए सिंध में भी इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। वहीं तटीय क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना की तैनाती की गई है और निचले क्षेत्रों में रह रहे करीब 80 हजार लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया गया है।
पाकिस्तान मौसम विभाग ने बिपरजॉय को गंभीर चक्रवाती तूफान बताया है। चक्रवात अरब सागर में पाकिस्तान और भारत के समुद्र तटों की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने बताया कि चक्रवात के चलते राज्य में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। शाह ने कहा कि हम लोगों से अपील नहीं कर रहे, बल्कि उन्हें घरों को खाली करने के लिए कह रहे हैं। हमने सोशल मीडिया, मस्जिदों और रेडियो स्टेशनों के माध्यम से अलर्ट जारी किया है।
वहीं सिंध के मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने के लिए पाकिस्तानी नेवी की मदद ली जा रही है। अब तक थट्टा में 500 गांव वालों को निकाला जा चुका है। जबकि 1500 लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू जारी है। वहीं शाह बंदर से भी 2000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। इसके अलावा डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी ने समुद्र के किनार के इलाकों में रह रहे लोगों से घर खाली करने की अपील की है।
बता दें, भारत में बिपरजॉय चक्रवात के चलते 67 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। पश्चिमी रेलवे ने चक्रवात संभावित क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर ट्रेनों को पूरी तरह से रद्द करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा पश्चिमी रेलवे द्वारा विभिन्न सुरक्षा सावधानियां भी बरती जा रही है।
मौसम विभाग ने बिपारजॉय को अरब सागर में अब तक का सबसे लंबे समय तक बने रहने वाला चक्रवाती तूफान बताया है। इससे पहले अरब सागर के ऊपर 2019 में आए अत्यत गंभीर श्रेणी के चक्रवात क्यार की अवधि नौ दिन और 15 घंटे थी। जबकि बिपरजॉय की अवधि अब तक लगभग सात दिन और 12 घंटे है।
विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1965 से 2022 के बीच अरब सागर के ऊपर 13 चक्रवात विकसित हो चुके है। इनमें से दो ने गुजरात तट को पार किया था। इसके अलावा एक ने महाराष्ट्र, एक ने पाकिस्तान तट को वहीं तीन चक्रवात ने ओमान-यमन तटों को पार किया और 6 चक्रवात समुद्र के ऊपर ही कमजोर पड़ गए थे। वहीं गुजरात में 2023 से पहले केवल दो चक्रवात गुजरात तट को पार कर पाए थे और इनमें एक 1996 में गंभीर तो दूसरा 1998 में अत्यंत गंभीर श्रेणी का चक्रवाती तूफान देखने को मिला था।