नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में आज चुनाव परिणाम आ रहे हैं। तीनों राज्यों में मतगणना जारी है। इस बीच बहुमत के रूझान सामने आ गए हैं। त्रिपुरा में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी एक बार फिर से स्पष्ट बहुमत हासिल करती हुई दिख रही है। इसके साथ ही नागालैंड में भाजपा […]
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में आज चुनाव परिणाम आ रहे हैं। तीनों राज्यों में मतगणना जारी है। इस बीच बहुमत के रूझान सामने आ गए हैं। त्रिपुरा में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी एक बार फिर से स्पष्ट बहुमत हासिल करती हुई दिख रही है। इसके साथ ही नागालैंड में भाजपा के गठबंधन वाली NDPP बहुमत का आंकड़ा पार करती हुई दिख रही है। वहीं, मेघालय में मौजूद मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की पार्टी NPP एक बार फिर से विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आ रही है।
चुनाव आयोग के अनुसार इस समय त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक शाह टाउन बोरडोवली सीट से आगे चल रहे है। वही इस सीट में लेफ्ट- कांग्रेस गठबंधन से आशीष कुमार साहा उनको अच्छी टक्कर देते हुए नजर आ रहे है। माणिक शाह, आशीष कुमार साह से मात्र 300 वोट से आगे है।
बता दें, टाउन बोरडोवली सीट से जहां भाजपा ने मुख्यमंत्री माणिक शाहा को तो कांग्रेस- लेफ्ट के गठबंधन से आशीष कुमार साहा चुनाव लड़ रहे है। भाजपा ने डॉ माणिक साहा को दूसरी बार चुनावी दंगल में उतारा है। इस सीट से पिछली बार आशीष कुमार साहा की जीत हुई थी। आशीष कुमार साहा त्रिपुरा के कद्दावर नेताओं में शुमार है।
इसके अलावा लेफ्ट का गढ़ माने जाने वाली त्रिपुरा की धनपुर सीट से बीजेपी की प्रत्याशी प्रतिमा भौमिक आगे चल रही हैं। बता दें 1977 से 2018 तक सीपीएम इस सीट से लगातार जीतती आ रही है।
पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पूर्वोत्तर राज्यों में पैर जमाती दिख रही है। तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणामों में ममता बनर्जी की पार्टी त्रिपुरा में 9 और मेघालय में 12 सीटों पर आगे चल रही है। बता दें कि इन दोनों राज्यों में पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। खुद सीएम ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने यहां पर कई रैलियों को संबोधित किया। मेघालय में टीएमसी ने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता मुकुल संगमा को पार्टी में शामिल कराया और उन्हें चुनाव प्रचार की कमान सौंपी। आज नतीजों में पार्टी के इस फैसले का साफ असर देखा जा रहा है।