मुंबई। महाराष्ट्र NCP के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अजित पवार समेत मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी 8 विधायकों को दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित करने की मांग की है। बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जयंत पाटिल ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को पत्र भी लिखा है, इसके अलावा चुनाव आयोग को भी एक ईमेल भेजा गया है।
मीडिया से बात करते हुए जयंत पाटिल ने कहा कि, हमने विधानसभा अध्यक्ष को अजित पवार समेत 8 विधायकों को दल बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित करने की मांग की है। पाटिल ने कहा कि ये अयोग्यता याचिका नौ नेताओं के खिलाफ दायर की गई है, क्योंकि इन्होंने पार्टी छोड़ने के फैसले के बारे में किसी को नहीं बताया, जो कि एनसीपी के सिद्धांत के खिलाफ है। पाटिल ने कहा कि हमने इसको लेकर चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा है।
इसके अलावा एनसीपी ने अजित पवार को दो तिहाई यानी 36 विधायकों के समर्थन की बात को भी गलत बताया है। एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने दावा किया है कि पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल सभी 53 विधायकों से संपर्क कर रहे हैं, सोमवार तक सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।
बता दें, 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभआ में एनसीपी के 53 विधायक हैं, और दलबदल विरोधी कानून से बचने के लिए अजित पवार को कम से कम 36 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी। क्रैस्टो का दावा है कि अजित पवार के पास 36 विधायकों का समर्थन नहीं है।
वहीं अजित पवार ने रविवार दोपहर को शिंदे- शिवसेना और बीजेपी सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है, जबकि एनसीपी के 8 अन्य विधायक मंत्री बने है। अजित पवार ने राजभवन को सौंपे गए पत्र का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि उन्हें उनकी पार्टी के 40 से अधिक विधायकों और नौ में से 6 से अधिक एमएलसी का समर्थन प्राप्त है।
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