दिल्ली में फिर आया भूकंप, बुधवार को भी महसूस किए गए हल्के झटके

नई दिल्ली: 4 बजकर 42 मिनट पर एक बार फिर दिल्ली की धरती कांपी है. बता दें, एक दिन पहले ही मंगलवार (21 मार्च) की देर रात 10:40 के आस पास दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. अब लगातार दूसरे दिन यानी बुधवार (22 मार्च) को भी दिल्ली में भूकंप आया है. […]

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दिल्ली में फिर आया भूकंप, बुधवार को भी महसूस किए गए हल्के झटके

Riya Kumari

  • March 22, 2023 5:22 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: 4 बजकर 42 मिनट पर एक बार फिर दिल्ली की धरती कांपी है. बता दें, एक दिन पहले ही मंगलवार (21 मार्च) की देर रात 10:40 के आस पास दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. अब लगातार दूसरे दिन यानी बुधवार (22 मार्च) को भी दिल्ली में भूकंप आया है. जहां इस बार इसकी तीव्रता 2.7 बताई जा रही है.

मंगलवार को भी आया भूकंप

मंगलवार रात 6.5 तीव्रता का भूकंप आया और पूरे उत्तर भारत में दहशत फैल गई। भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान के साथ अफगानिस्तान की सीमा के पास काबुल से लगभग 300 किलोमीटर उत्तर में पूर्वोत्तर अफगानिस्तान में था। भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर में भी काफी देर तक महसूस किए गए हैं। यह भूकंप बहुत खतरनाक था। मंगलवार रात आया भूकंप पृथ्वी की सतह से 187.6 किलोमीटर नीचे उत्पन्न हुआ। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ऐसे में भूकंप ज्यादा दूर तक महसूस किए जाते हैं, यही वजह है कि बीती रात के भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में भी महसूस किए गए।

 

भयानक भूकंप की संभावना

तमाम वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद अब तक भूकंप की भविष्यवाणी के लिए कोई निश्चित तरीका तैयार नहीं किया जा सका है। भूकंप एक प्राकृतिक खतरा है जिसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। इसके लिए कोई पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित नहीं की गई है, इसलिए अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे हिंदू कुश पहाड़ों से भूकंप कब आएगा, इस बारे में वैज्ञानिकों ने कुछ नहीं कहा है। हां, अलर्ट जरूर जारी किया गया है। क्योंकि यह काफी खतरनाक इलाका है।

भूकंप कुछ सेकंड पहले होता है महसूस

वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकंप आने से कुछ पल पहले इसका अहसास जरूर होता है, लेकिन यह बहुत ही कम समय होता है। क्‍योंकि जब भूकंप जमीन के नीचे होता है तो उसे धरातल तक पहुंचने में कुछ सेकेंड का समय लगता है। हालाँकि, भूकंपीय तरंगें प्रकाश की गति से बहुत धीमी गति से यात्रा करती हैं, मान लीजिए 5 से 13 किलोमीटर प्रति सेकंड। इसलिए, भूकंप आने से कुछ सेकंड पहले सूचित किया जा सकता है, लेकिन भूकंप के खतरों से पूरी तरह बचना असंभव है। समय बहुत प्रभावशाली नहीं है।

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