नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी से लेकर अब तक पाकिस्तान में हिंसा का दौर जारी है। इमरान खान के समर्थकों द्वारा पाकिस्तान के कई शहरों में तोड़-फोड़ किए जाने के बाद अब पाकिस्तानी सेना ने इमरान और उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सैन्य प्रतिष्ठानों को […]
नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी से लेकर अब तक पाकिस्तान में हिंसा का दौर जारी है। इमरान खान के समर्थकों द्वारा पाकिस्तान के कई शहरों में तोड़-फोड़ किए जाने के बाद अब पाकिस्तानी सेना ने इमरान और उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में आर्मी एक्ट लगाने का फैसला किया है।
बता दें, पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने सोमवार को फैसला किया है कि नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने और आगजमी करने वालों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम सहित देश के संबंधित कानूनों के तहत ट्रायल चलाया जाएगा।
ये फैसला सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर की अध्यक्षता में जीएचक्यू में हुई बैठक मे लिया गया है। इसके अलावा सेना ने बड़ा खुलासा करते हुए 9 मई को इमरान के समर्थकों द्वारा सेना के ऊपर हुए हमले को सुनियोजित सजिश का हिस्सा बताया है।
इसके अलावा पीएम शहबाज शरीफ ने इमरान खान के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी कर ली है। देश के अभी के हालात को देखते हुए शहबाज ने दोपहर 3:30 बजे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है। इसमें मौजूदा चीफ जस्टिस के इस्तीफे की मांग भी की गई है। वहीं लाहौर में अगले 7 दिनों के लिए धारा – 144 लागू कर दी गई है। इसके अलावा नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद खान ने इमरान को यहूदी एजेंट बता दिया है। इमरान खान और उनके समर्थकों के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ गई है।
बता दें, इमरान पर कई मामलों में गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई थी, लेकिन जिस मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई वो अल कादिर ट्रस्ट का मामला था। ये मामला अल कादिर ट्रस्ट विश्वविद्यालय से जुड़ा है। नेशनल अकाउंटेबलिटी ब्यूरो ने 3 मई को इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीवी और इमरान की पार्टी पीटीआई से जुड़े कई नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया था। वहीं इमरान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों द्वारा 9 मई को लाहौर, रावलपिंडी, बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा, पेशावर और बन्नू शहरों में भी जोरदार प्रदर्शन किए थे। इसके अलावा उनके समर्थकों ने सेना प्रतिष्ठानों पर भी हमला कर दिया था।
इमरान पर इस मामले में आरोप हैं कि उन्होंने पाकिस्तान का प्रधानमंत्री रहते हुए अपनी पत्नी बुशरा बीबी और पीटीआई के कुछ अन्य नेताओं के साथ मिलकर अल-कादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट ट्रस्ट का गठन किया था। इसका उद्देश्य पंजाब के सोहावा जिला झेलम में गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने के लिए अल-कादिर विश्वविद्यालय स्थापित करना था। हालांकि, इसी मामले में इमरान पर अरबों रुपए के घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इस मामले में खान की तीसरी पत्नी बुशरा बीबी और बुशरा की सबसे करीबी दोस्त फराह गोगी भी आरोपी हैं। फराह पिछले साल उसी दिन मुल्क छोड़कर भाग गई थीं, जिस दिन इमरान की सरकार गिरी थी।