कोरोना काल में दिल्ली में दो चीजें चर्चे में रही थी, एक फ्री की दारू और दूसरा तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल का शीशमहल. एक्साइज मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत तमाम बड़े नेता जेल गये और शीशमहल ने आप की छवि पर ऐसा कालिख पोता कि अभी तक वो कालिख उतर नहीं पाई है. ईमानदारी का ढोल पीटने वाले केजरीवाल पर आरोप लगे कि जब कोरोना काल में आम आदमी त्राहि त्राहि कर रहा था तब ईमानदार सीएम अपना शीशमहल बनाने में जुटा था. 45 करोड़ एक बंगले को सजाने में लगा दिया. भाजपा ने इसे चुनाव में भी जोर शोर से उठाया. अब दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता कह रही हैं कि उनके पास इस बंगले को लेकर तीन विकल्प है.
न्यूज 24 को दिये इंडरव्यू में रेखा गुप्ता ने कहा है कि पहला विकल्प नीलामी का है, उससे जो पैसा आएगा उसे आम जन की भलाई में लगा दिया जाएगा. दूसरा विकल्प यह है कि इसे आम आदमी के लिए खोल दिया जाए जिसमें संग्रहालय बनाना शामिल है. तीसरा विकल्प है कि उसे स्टेट गेस्ट हाउस बना दिया जाए. दिल्ली के पास ऐसा कोई गेस्ट हाउस नहीं है. राज्य सरकारों के पास आम तौर पर ऐसे गेस्ट हाउस होते हैं. सीएम ने कहा कि सभी विकल्पों पर विचार चल रहा है.
आपको बता दें कि सीएम रेखा गुप्ता कई बार कह चुकी हैं कि वह शीशमहल में नहीं रहेंगी. उनकी अंतरात्मा गवाही नहीं देती कि जो बंगला जनता की गाढ़ी पसीने की कमाई के दुरुपयोग से बना हो उसमें वह रहें. उन्होंने इंटरव्यू में साफ कहा है कि फिलहाल वह अपने निजी मकान में रह रही हैं और और सीएम की जिम्मेदारी निभा रहीं हैं. गली में ही कुर्सी टेबल लगाकर बैठ जाती हैं. लक्ष्य है कि जिस जनता ने उम्मीदों के साथ चुनकर भेजा है उसका काम करें. जब कोई उपयुक्त सरकारी मकान मिलेगा तब देखा जाएगा. फिलहाल निजी मकान से काम चल रहा है.
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