सीबीआई ने कोर्ट में मनीष सिसोदिया द्वारा जांच में सहयोग ना करने के चलते 3 दिन के रिमांड बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि, सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे है, जिसके कारण पूछताछ करने के लिए उन्हें तीन दिन का समय दिया जाए। सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि अभी उन्हें कुछ गवाहों के सामने सिसोदिया को बिठाकर पूछताछ करनी है, इसके अलावा कुछ डिजिटल एविडेंस हैं, जिसको लेकर भी फिलहाल उनसे पूछताछ करनी है। इसके बाद जज ने सीबीआई से यह पूछा कि अभी तक आपने कितने घंटे की पूछताछ की है ? और आप ज्यादा दिनों की रिमांड की मांग क्यो कर रहे है ?
इसके जवाब में सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन डाली गई थी, जिसके कारण काफी समय खराब हो गया था। इसके अलावा अभी कई गवाहों से उनका आमना- सामना करवाना है, इसलिए उन्हें 3 दिन की रिमांड चाहिए।
सिसोदिया के वकील ने क्या कहा ?
वही सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में कहा कि, सीबीआई का कोर्ट में यह कहना कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे है पूरी तरह गलत है। ऐसा कहकर रिमांड देने का कोई तर्क नहीं बनता है। मनीष सिसोदिया जब तक अपना जुर्म कबूल ना कर लें, क्या तब तक उन्हें कस्टडी में रखना चाहिए ? सिसोदिया के वकील ने कहा कि कई महीनों तक मनीष को गिरफ्तार नहीं किया, अब अचानक उनको गिरफ्तार कर लिया गया और उनके रिमांड बढ़ाने की मांग की जा रही है। अब कहां से सारी चीजें अचानक मिलने लगी।
सिसोदिया के वकील ने कहा कि उनकी पत्नी का स्वास्थ्य बेहद खराब है, बीते 20 साल से उनकी पत्नी गंभीर बीमारी से ग्रसित है। सिसोदिया कहीं भाग नहीं रहे हैं, पहले वाले सबूतों के आधार पर अब फिर सीबीआई रिमांड बढ़ाने की मांग नहीं कर सकती। जबकि सीबीआई की रिमांड कॉपी में कुछ ठोस नहीं है, वही पुराने आरोप लगाए गए हैं।