Delhi Ordinance, Inkhabar। दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश को 31 जुलाई को संसद में पेश किया जायेगा। इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को इस बिल को मंजूरी दे दी गई थी। गृह मंत्री अमित शाह इस बिल को सदन में पेश करेंगे।
इससे पहले 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली अध्यादेश का मामला 5 जजों की संवैधानिक पीठ को भेजने का फैसला लिया था। दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा था कि इस बात पर लंबी सुनवाई जरूरी है कि सेवाओं को अध्यादेश के जरिए दिल्ली विधानसभा के दायरे से बाहर कर देना सही है या नहीं।
आम आदमी पार्टी शुरू से ही अध्यादेश का विरोध कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, शरद पवार, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और कांग्रेस से संसद में बिल का विरोध करने के लिए समर्थन मांगा है।
इसी साल मई के महीने में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण और अधिकार से जुड़े मामले पर फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर को छोड़कर अन्य मामलों पर उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की सलाह मानना जरूरी है। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाया गया था, जिसमें वापस से उपराज्यपाल को सारी शक्तियां वापस दे दी गई थी। दिल्ली की आम आदमी पार्टी दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति और स्थानांतरण से जुड़े इस अध्यादेश का विरोध कर रही है।
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