बीते मंगलवार टीएमसी और समाजवादी पार्टी संसद परिसर में विपक्ष के विरोध प्रदर्शन से गायब रही. इससे साफ संदेश गया कि विपक्षी गठबंधन के सहयोगियों का एजेंडा एक नहीं है। दोनों दलों ने खुद को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन से इसलिए अलग कर लिया क्योंकि वो अडानी को मुद्दा नहीं बनाना चाहते जबकि कांग्रेस को अडानी के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता।
नई दिल्लीः इंडिया गठबंधन में एक बार फिर दरार देखने को मिल रही है। कांग्रेस के प्रमुख सहयोगी अब उनका हाथ छोड़ रहे हैं। लोकसभा में बीजेपी और कांग्रेस के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी वाली सपा अब इंडिया अलायंस से खिसकती दिख रही है। यूपी उपचुनाव और महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे के कारण कांग्रेस और सपा में मतभेद शुरू हुए थे। बीते मंगलवार को समाजवादी पार्टी संसद परिसर में विपक्ष के विरोध प्रदर्शन से गायब रही, इससे सीधे संदेश गया कि सपा और कांग्रेस का मतभेद बढ़ता जा रहा है और विपक्षी गठबंधन के सहयोगियों का एजेंडा एक नहीं। ठीक इसी तरह से टीएमसी भी कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हुई. वह कांग्रेस के अडानी विरोध से सहमत नहीं है. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी का स्टैंड कांग्रेस से अलग रहता है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि पश्चिम बंगाल में उन्हें कांग्रेस और लेफ्ट के गठजोड़ा का सामना करना पड़ता है.
समाजवादी पार्टी ने खुद को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन से इसलिए अलग कर लिया क्योंकि वो अडानी को मुद्दा नहीं बनाना चाहती, अखिलेश का भी इसमें इंटरेस्ट नहीं है जबकि कांग्रेस को अडानी के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सदस्यों और कुछ सहयोगियों ने अडानी मुद्दे पर संयुक्त विरोध प्रदर्शन किया। सहयोगी दलों का कहना है कि वे संसद में महंगाई, बेरोजगारी और मणिपुर समेत छह प्रमुख मुद्दे उठाना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस केवल अडानी मुद्दे पर जोर देना चाहती है। इसके कारण सपा और टीएमसी के नेता कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में बुलाई गई बैठक में भी शामिल नहीं हुए।
सपा और टीएमसी की अनुपस्थिति पर भाजपा ने विपक्षी गठबंधन की एकता पर कटाक्ष किया। भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने कहा कि “कांग्रेस जहां भी जाती है, जनता उसे नकार देती है। गठबंधन की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि कभी तृणमूल गायब रहती है, कभी आप तो कभी सपा।
ये भी पढ़ें- मशहूर कॉमेडियन सुनील पाल का अपहरण, पत्नी ने थाने पहुंचकर दर्ज कराई रिपोर्ट, जानें पूरा मामला
किसे मिलेगी महाराष्ट्र की कुर्सी? शिंदे-फडणवीस की मुलाकात के बाद नए CM का ऐलान आज