संजय राउत को नहीं मिली राहत, 22 अगस्त तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

मुंबई, पात्रा चॉल घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर चल रहे शिवसेना सांसद संजय राउत को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है. अदालत ने राउत की न्यायिक हिरासत को 22 अगस्त तक बढ़ा दिया है. आज संजय राउत की हिरासत का समय खत्म हो गया था, जिसके बाद उन्हें ईडी की स्पेशल कोर्ट […]

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संजय राउत को नहीं मिली राहत, 22 अगस्त तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

Aanchal Pandey

  • August 8, 2022 2:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई, पात्रा चॉल घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर चल रहे शिवसेना सांसद संजय राउत को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है. अदालत ने राउत की न्यायिक हिरासत को 22 अगस्त तक बढ़ा दिया है.

आज संजय राउत की हिरासत का समय खत्म हो गया था, जिसके बाद उन्हें ईडी की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया और अदालत ने उन्हें 22 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले राउत को 4 अगस्त को विशेष अदालत में पेश किया गया था. तब राउत को 8 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. राउत को 1 अगस्त को भी ईडी के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था, जब ईडी ने उनकी 8 दिनों की कस्टडी की मांग की थी.

क्या है पात्रा चॉल ज़मीन घोटाला

पात्रा चॉल जमीन घोटाले की शुरुआत साल 2007 से हुई, महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा, प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की मिली भगत से यह घोटाला किया गया, साल 2007 में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रिडिवेलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को सौंपा, यह कंस्ट्रक्शन गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था. म्हाडा की 47 एकड़ जमीन में कुल 672 घर बने हैं, जबकि रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे और म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था. लेकिन 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए.

क्या है संजय राउत का कनेक्शन

गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ;पर आरोप है कि फ्लैट बनाने की बजाए इन्होने 47 एकड़ जमीन को आठ अलग-अलग बिल्डरों को बेच दी थी, इससे कंपनी ने 1034 करोड़ रुपये कमाए थे. वहीं मार्च 2018 में म्हाडा ने गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. मामला आर्थिक अपराध विंग यानी EOW को सौंपा गया. EOW ने फरवरी 2020 में प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर लिया, बताया जाता है कि प्रवीण राउत, संजय राउत के बहुत करीबी थे और वह एचडीआईएल में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ कंपनी में निदेशक थे. वधावन बंधु PMC बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी हैं, हालांकि प्रवीण राउत को कोर्ट ने जमानत दे दी लेकिन पीएमसी बैंक घोटाले के मामले में प्रवीण को ईडी ने गिरफ्तार कर किया.

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