नई दिल्ली: देश में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है. सोमवार को ही जम्मू-कश्मीर सरकार ने संविधान दिवस का भव्य आयोजन करने के निर्देश जारी किए थे. 1947 में जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के बाद श्रीनगर में यह पहला ऐसा आयोजन है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा श्रीनगर में समारोह का नेतृत्व करेंगे. उनके साथ मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सरकार के कुछ मंत्री भी संविधान की प्रस्तावना पढ़ेंगे. हालांकि, सीएम उमर अब्दुल्ला खुद इस समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि वह मक्का में उमरा करने के लिए सोमवार को सऊदी अरब रवाना हो गए हैं. उनकी सरकार के कुछ मंत्री इसमें शामिल होंगे.
जम्मू-कश्मीर में पिछले महीने विधानसभा चुनाव हुआ था. उमर अब्दुल्ला ने बहुमत मिलने के बाद 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. सीएम उमर ने समारोह में भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली और संविधान की शपथ लेने वाले जम्मू-कश्मीर के पहले सीएम बन गए.
बता दें जम्मू-कश्मीर में पहले अपना संविधान और ध्वज लागू था. वहां की सरकार का नाम प्रधानमंत्री और राज्य के मुखिया का नाम सदर-ए-रियासत यानी राष्ट्रपति था. परंतु साल 1965 में इन पदों को बदलकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल कर दिया गया. मगर जम्मू-कश्मीर का अपना संविधान और झंडा आगे भी लागू रहा. लेकिन 2019 में धारा 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया. जिसके बाद जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेटस समाप्त हो गया और उसका अपना संविधान और झंडा भी.
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