जामनगर. गुजरात चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी की तैयारियां ज़ोरों पर हैं तो वहीं कांग्रेस की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता एवं विधायक जिग्नेश मेवानी को कोर्ट ने शुक्रवार को छह महीने की सज़ा सुनाई गई है. मेवानी को यह सजा अहमदाबाद की निचली अदालत ने साल 2016 में रास्ता रोको आंदोलन के मामले को सुनाई है, दरअसल, मेवानी ने गुजरात विश्विद्यालय के कानून विभाग का नाम डॉ बाबासाहेब आंबेडकर भवन रखने की मांग को लेकर आंदोलन किया था और इस मामले में मेवानी के साथ कुल 19 लोगों को 6 महीने की सजा सुनाई गई है. कांग्रेस नेता को दूसरी बार कोर्ट से सजा हुई है, इससे पहले मेहसाना में बिना इजाजत रैली निकालने के लिए उन्हें 3 महीने की सजा हुई थी. फिलहाल यह मामला ऊपरी अदालत में लंबित है और उनकी सजा पर स्टे लगाया गया है.
गत मई में गुजरात की एक कोर्ट ने जिग्नेश मेवानी और 12 अन्य को तीन साल की सजा सुनाई थी, इस मामले में कोर्ट ने उन पर जुर्माना भी लगाया था. बता दें अदालत ने मेवानी को यह सजा बिना इजाजत आजामी मार्च निकालने पर दी थी. कोर्ट की इस सजा पर मेवानी ने कहा, ‘ऊना कांड के एक साल पूरे होने पर हमने मेहसाणा में आजादी मार्च निकला और इस पर हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन इस सजा को हम सेशन कोर्ट में चुनौती देंगे. मुझे उम्मीद है कि इस मामले में मुझे न्याय ज़रूर मिलेगा.’
गत मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट करने को लेकर असम पुलिस ने मेवानी को गुजरात के पालनपुर से गिरफ्तार किया था. ट्वीट केस में जमानत मिलने के बाद उन्हें महिला पुलिसकर्मी पर हमला करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
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