September 28, 2024
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Maharashtra: पुणे में वारकरी श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच हुई झड़प, जानिए पूरा मामला

Maharashtra: पुणे में वारकरी श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच हुई झड़प, जानिए पूरा मामला

  • WRITTEN BY: Vikas Rana
  • LAST UPDATED : June 12, 2023, 11:01 am IST

Maharashtra, Inkhabar। महाराष्ट्र में हर साल निकाली जाने वालीसंत ज्ञानेश्वर महाराज की पालकी को लेकर वारकरी (श्रद्धालु) और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस वजह से कुछ देर के लिए मंदिर के परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया।

क्या है पूरा मामला

वारकरी श्रद्धालु हर साल 11 जून को आलंदी से पंझरपुर के विठ्ठल मंदिर के लिए यात्रा का जुलूस निकालते हैं। पुलिस के सूत्रों ने कहा कि श्रद्धालुओं की भारी संख्या को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने लाठीचार्ज किया था। मंदिर में एक बार में 75 लोगों को प्रवेश देना का नियम है, लेकिन इसकी जगह लगभग 400 लोग एकसाथ जबरन मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। जिस कारण मजबूरन पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना को लेकर राजनीति गर्मा गई है। घटना को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र का बयान सामने आया है।

उप मुख्यमंत्री ने क्या कहा

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने घटना को लेकर कहा कि, हमने पिछले साल आलंदी में हुए भगदड़ जैसी स्थिति से सीखा और विभिन्न समूहों से मंदिर में प्रवेश पास देने की की कोशिश की। तीर्थयात्रा में भाग लेने वाले प्रत्येक समूह को 75 पास जारी करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन 500 लोग जबरन मंदिर में घुस रहे थे। इस दौरान उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ दिए और पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, इस अफरातफरी में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए है। जिसके बाद स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करना पड़ा था।

विपक्ष हुआ हमलावर

वहीं पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज में विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। घटना को लेकर शिवसेना के वरिष्ठ सांसद संजय राउत ने ट्वीट करते हुए कहा कि, हिंदुत्व सरकार का ढोंग उजागर हो गया, नकाब उतर गया। औरंगजेब कैसे अलग व्यवहार कर रहा था? मुगलों का महाराष्ट्र में पुनर्जन्म हुआ है।

वहीं एनसपीपी के छगन भुजबल ने कहा कि श्री क्षेत्र आलंदी में जिस तरह से पुलिस ने वारकरी बंधुओं पर लाठियां बरसाई, वह बहुत ही अपमानजनक बात है। वारकरी संप्रदाय की नींव रखे वाले महान संत ज्ञानेश्वर महाराज की उपस्थिति में वारकरियों का ये अपमान घोर निंदनीय है। क्या सरकार का वारकरी संप्रदाय के प्रति कोई उत्तरदायित्व है या नहीं।

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