नई दिल्ली. छावला गैंगरेप केस अब भी सुर्ख़ियों में है. दरअसल, इस मामले में बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को रिहा करने का फैसला सुनाया था, ऐसे में, पीडित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. परिजनों ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से अपील की है कि वो दोषियों […]
नई दिल्ली. छावला गैंगरेप केस अब भी सुर्ख़ियों में है. दरअसल, इस मामले में बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को रिहा करने का फैसला सुनाया था, ऐसे में, पीडित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. परिजनों ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से अपील की है कि वो दोषियों को बरी करने के अपने फैसले पर एक बार फिर से विचार करे. पीड़ित परिवार की ओर से डाली गई इस पुनर्विचार याचिका मे कहा गया है कि जिन सबूतो के आधार पर दोषियो को हाईकोर्ट और निचली अदालत ने सजा दी थी, उन सबूतों पर सुप्रीम कोर्ट ने ठीक से ध्यान ही नहीं दिया है इसलिए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को फिर से विचार करना चाहिए. परिवार का कहना है कि इस मामले में एक दोषी राहुल की कार मे खून के धब्बे वाला जैक मिला था. यह एक मजबूत सबूत था, लेकिन अदालत ने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया और इसपर गौर नहीं किया.
नौ फरवरी 2012 ही वो दिन था, जब एक खौफनाक मंज़र ने पूरे देश को हिला दिया था. ये वही साल था जब निर्भया के साथ दरिंदगी की गई थी, इसी दिन 19 साल की रौशनी अपने दोस्तों के साथ काम से वापस लौट रही थी, तब उसे कहाँ पता था कि आगे उसके साथ क्या होने वाला है. थोड़ी देर में वो बस से उतरी और पैदल ही घर जाने लगी, तभी एक लाल रंग की इंडिका कार ने उसका रास्ता रोक लिया, इस कार में से तीन लोग निकले और उन्होंने रौशनी को अगवा कर लिया.
एक ओर दिल्ली पुलिस ने पीड़ित परिवार की कोई मदद नहीं की तो वहीं दूसरी ओर आरोपी पीड़िता को अगवा कर हरियाणा ले गए. कार में ही उन्होंने पीड़िता के साथ बदसलूकी शुरू कर दी, रास्ते में उन्होंने एक ठेके से दारु खरीदी और शराब पीते हुए रौशनी के साथ बदसलूकी करने लगे.
इस जगह पहले तो आरोपियों ने उसके कपड़े फाड़े और फिर एक-एक कर उसका बलात्कार किया, उन्होंने न सिर्फ उसके साथ बलात्कार बल्कि उसे कई जगहों से काटा और जलाया भी. पीड़िता अपने जान की गुहार लगाती रही लेकिन आरोपियों ने उसकी एक न सुनी. उनपर हवस का ऐसा भूत सवार था कि वो कुछ भी सुनने-समझने को तैयार नहीं थे. पीड़िता ने आरोपियों ने पीने के लिए पानी माँगा, लेकिन तब तक उनके दिमाग में उसे मारने और अपनी करतूत छुपाने की तरकीब बन गई.
रौशनी के साथ जिस तरह की बदसलूकी हुई उससे वो दर्द से कराह रही थी, इसके बाद आरोपियों ने उसे जिस घड़े से पानी पिलाया था उसी घड़े से उसपर वार कर दिया. उसका जिस्म खून से तर-बतर था. इसके बाद दरिंदों ने गाड़ी के साइलेंसर से दूसरे हथियारों को गर्म कर उसके शरीर को हर जगह से जला दिया, इतना ही नहीं आरोपियों ने पीड़िता के प्राइवेट पार्ट को भी जला दिया. फिर आरोपियों ने बीयर की बोतल तोड़कर उसके शरीर को काट दिया और फिर उसकी आँखें फोड़कर उसमें एसिड डाल दिया.
इस मामले आरोपियों ने खुद कबूल किया था कि उन्होंने तसल्ली करने के लिए पीड़िता पर कई वार किए और फिर जब उन्होंने सुनिश्चित कर लिया कि उसकी मौत हो गई तो वो उसे वहीं छोड़कर भाग गए. दरिंदों ने पीड़िता के शव को हरियाणा के रेवाड़ी में छुपाया था, और यहीं से पुलिस को उसका शव भी मिला. जब पुलिस ने लाश का पोस्टमॉर्टम करवाया तो पता चला कि उसके साथ किस तरह की हैवानियत की गई है. किस तरह उसके जिस्म को जलाया गया, बीयर की बोतल से उसका शरीर काट दिया गया और फिर उसकी आँखें फोड़कर उसमें तेज़ाब डाल दी गई.
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