नई दिल्ली: छठ पूजा एक विशेष त्योहार है जो भगवान सूर्य और छठी मैया की उपासना के लिए मनाया जाता है। यह महापर्व मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के कुछ हिस्सों में अत्यंत श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष छठ पूजा का प्रारंभ आज से हो रहा है, जिसमें श्रद्धालु कठिन नियमों और व्रत का पालन करते हैं ताकि उन्हें परिवार की सुख-समृद्धि और संतानों के लिए आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
छठ महापर्व का मुख्य उद्देश्य भगवान सूर्य और छठी मैया को धन्यवाद देना है। ऐसा माना जाता है कि सूर्यदेव स्वास्थ्य, ऊर्जा, और जीवन का स्रोत हैं, इसलिए उनकी पूजा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। साथ ही, यह पर्व परिवार में खुशहाली और संतानों की लंबी आयु के लिए भी मनाया जाता है। इस दिन से शुद्धता और पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाता है। इसलिए छठ नियमों का पूरी तरह से पालन करें और गलतियों से बचना चाहिए। आज मंगलवार के दिन से 5 नवंबर 2024 से चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। आज मंगलवार के दिन नहाय-खाय किया जाएगा। इसके बाद संध्या अर्घ्य और ऊषा अर्घ्य होगा।
1. छठ पूजा के दौरान नाखून, दाढ़ी, बाल, आदि जैसी चीजों की हजामत नहीं करवानी चाहिए। छठ पूजा के दौरान ये काम शुभ नहीं माने जाते हैं।
2. छठ पूजा के दौरान पूजा से संबंधित चीजों को बिना स्नान किए नहीं छूना चाहिए। ऐसा करने से चीजें अशुद्ध हो जाती है।
3. छठ पूजा के दौरान पूजा स्थल, प्रसाद और व्रतधारियों के वस्त्र पूरी तरह से शुद्ध और साफ-सुथरे होने चाहिए। किसी भी तरह की गंदगी से दूर रहें।
4. व्रत के दौरान सिर्फ सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। तामसिक या मांसाहारी और लहसुन-प्याज जैसी चीजों का भोजन वर्जित होता है।
5. इस समय व्रत रखने वाले व्रतधारी का पलंग पर सोना वर्जित माना जाता है। व्रत के दौरान व्रतधारी को भूमि पर सोना चाहिए।
6. इस दौरान व्रतधारियों को संयम से व्यवहार करना चाहिए। क्रोध, झूठ और अशुद्ध वाणी से बचना आवश्यक है।
7. छठ पूजा के दौरान अगर महिला को यदि मासिक धर्म शुरू हो जाए तो उसे पूजा स्थान और पूजा सामग्रियों से दूर रहना चाहिए।
8. छठ पूजा के चार दिनों के दौरान कच्ची हल्दी, मूली, और गाजर, आदि जैसी चीजों का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए।
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