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फिल्म के डायलॉग में किए जाएंगे बदलाव, चौतरफा घिरने के बाद मनोज मुंतशिर का आया ट्वीट

मुंबई। आदिपुरुष फिल्म के लिए डायलॉग लिखने वाले मनोज मुंतशिर को सोशल मीडिया में जमकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। फिल्म के संवादों को काफी अभद्र बताया जा रहा है। इस बीच मुंतशिर ने अपने डायलॉग्स के बचाव में कहा कि ऐसी भाषा गलती से इस्तेमाल नहीं हुई, बल्कि ये जानबूझकर किया गया […]

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फिल्म के डायलॉग में किए जाएंगे बदलाव, चौतरफा घिरने के बाद मनोज मुंतशिर का आया ट्वीट
  • June 18, 2023 1:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

मुंबई। आदिपुरुष फिल्म के लिए डायलॉग लिखने वाले मनोज मुंतशिर को सोशल मीडिया में जमकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। फिल्म के संवादों को काफी अभद्र बताया जा रहा है। इस बीच मुंतशिर ने अपने डायलॉग्स के बचाव में कहा कि ऐसी भाषा गलती से इस्तेमाल नहीं हुई, बल्कि ये जानबूझकर किया गया है, ताकि यंग ऑडियंस से फिल्म को जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि भारत के कई कथावाचक इसी तरह की भाषा में कथा सुनाते आए हैं।

इस बीच फिल्म के रिलीज होने के बाद मनोज ने फिल्म के डायलॉग्स को लेकर ट्विटर पर एक लंबी पोस्ट शेयर की है। उन्होंने कहा कि जनता की भावना से बढ़कर उनके लिए कुछ भी नहीं है।

मनोज मुंतशिर ने किया ट्वीट

अपने ट्वीट में मनोज ने लिखा कि, रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना। सही या गलत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है। आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएं आहत हुईं। उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान किया, माँ सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं।’

मेरे भाइयों ने बोले अशोभनीय शब्द

आदिपुरुष के डायलॉग से कई लोग इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने सोशल मीडिया पर मनोज को ट्रोल करना शुरू कर दिया। इस बारे में भी अपनी शिकायत रखते हुए मनोज ने लिखा, ‘मेरे ही भाइयों ने मेरे लिये सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे। वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कवितायें पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही माँ को अभद्र शब्दों से संबोधित किया। मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहाँ से आ गई कि वो श्री राम का दर्शन भूल गये जो हर मां को अपनी मां मानते थे. शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों. हो सकता है, 3 घंटे की फिल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाज़ी क्यों की, मैं जान नहीं पाया.

डायलॉग में किए जाएंगे बदलाव

अपने ट्वीट के अंत में मनोज ने लिखा कि वो अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकते हैं लेकिन उन्होंने फिल्म के मेकर्स और डायरेक्टर्स के साथ मिलकर तय किया है कि डायलॉग्स बदल दिए जाएं. उन्होंने दर्शकों से वादा करते हुए लिखा, ‘मैंने और फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं, हम उन्हें संशोधित करेंगे, और इसी सप्ताह वो फ़िल्म में शामिल किए जाएंगे. श्री राम आप सब पर कृपा करें!

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