नई दिल्ली। दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अध्यादेश को लेकर केंद्र और एलजी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है। शीर्ष अदालत में दायर किए गए हलफनामे में दोनों ने अध्यादेश को सही ठहराया हैं। हलफनामे में बताया गया है कि अगर अध्यादेश को रोका जाता है तो दिल्ली प्रशासन […]
नई दिल्ली। दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अध्यादेश को लेकर केंद्र और एलजी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है। शीर्ष अदालत में दायर किए गए हलफनामे में दोनों ने अध्यादेश को सही ठहराया हैं। हलफनामे में बताया गया है कि अगर अध्यादेश को रोका जाता है तो दिल्ली प्रशासन को इससे काफी ज्यादा अपूरणीय क्षति होगी।
केंद्र सरकार ने हलफनामे में अध्यादेश को बिना किसी विधायी प्रक्रिया के लाए जाने के दिल्ली सरकार के दावे को गलत और राजनीति से प्रेरित बताया। इस अध्यादेश को मानसून सत्र में लाए जाने की पूरी संभावना है। उससे पहले अगर अध्यादेश पर रोक लगा दी गई, तो इससे दिल्ली के प्रशासन को अपूरणीय क्षति होगी। कोर्ट और एलजी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि इस मुद्दे पर फैसले के लिए मानसून सत्र के खत्म होने का इंतजार करना चाहिए। इसके अलावा हलफनामे में आप के मंत्रियों पर सोशल मीडिया पर आदेश को अपलोड कर अफसरों के खिलाफ अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है।
मई महीने में केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई थी, जिसमें दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग करने का अधिकार एलजी को वापस दे दिया गया था। इससे पहले ये मामला सुप्रीम कोर्ट में था, जिसमें ये अधिकार दिल्ली सरकार को दिया गया था। अध्यादेश के मुताबिक अब दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर- पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल का ही होगा।