वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा से मचे कोहराम के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय बल की तैनाती के निर्देश दिये हैं. हाईकोर्ट ने दो टूक कहा कि जब ऐसी घटनाएं हो रही हो तो कोर्ट आंख बंद करके बैठा नहीं रह सकता. भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सौमेन सेन ने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए केंद्रीय बल पुलिस के साथ मिलकर काम करेगा. जस्टिस सेन ने पूरे मामले पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि जब ऐसे आरोप सामने आते हैं तो अदालत आंखें मूंदकर नहीं रह सकती. इस मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. शनिवार को इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की विशेष खंडपीठ ने की.
हाईकोर्ट बोला केंद्रीय बल संभाले मोर्चा
पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून को लेकर मुर्शिदाबाद में हिंसा से मचे कोहराम के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय बल की तैनाती के निर्देश दिये हैं. हाईकोर्ट ने दो टूक कहा कि जब ऐसी घटनाएं हो रही हो तो कोर्ट आंख बंद करके बैठा नहीं रह सकता. भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सौमेन सेन ने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए केंद्रीय बल पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे. जस्टिस सेन ने पूरे मामले पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि जब ऐसे आरोप सामने आते हैं तो अदालत आंखें मूंदकर नहीं रह सकती. इस मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. शनिवार को इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की विशेष खंडपीठ ने की.
ममता सरकार बोली पुलिस स्थिति संभालने में सक्षम
पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के कई जिलों में हो रही हिंसा मामले को कलकत्ता हाईकोर्ट में लेकर पहुंचे थे. उन्होंने अपनी याचिका में होईकोर्ट से केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश देने की गुहार लगाई थी. शुरू में राज्य के वकील कल्याण बनर्जी ने इस पर आपत्ति जताई लेकिन बाद में वह केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए राजी हो गये. ममता सरकार की तरफ से उच्च न्यायालय को बताया गया कि पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार पहले ही मुर्शिदाबाद के लिए रवाना हो गये हैं. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से भी मदद ली जा रही है.
शुभेंदु के वकील बोले अनुच्छेद 355 का मामला
शुभेंदु अधिकारी की वकील सौम्या मजूमदार ने कहा कि जहां हिंसा हो रही है वह सीमावर्ती क्षेत्र है और बहुत संवेदनशील है. फरक्का में धुलियान नगर पालिका के वार्ड नंबर 6 में बमबारी चल रही है,स्थिति नियंत्रण से बाहर है. पुलिस इसे संभालने में विफल है. संविधान के अनुच्छेद 355 के अनुसार, राज्य के आंतरिक मामलों में कोई समस्या होने पर केंद्र हस्तक्षेप कर सकता है. नागरिकों की सुरक्षा सबसे जरूरी है.
राज्य सरकार के वकील कल्याण बनर्जी ने कहा कि बीएसएफ की 6 कंपनियां, 1000 पुलिस, एडीजी और डीआईजी तैनात हैं. 131 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. याचिकाकर्ता शुभेंदु अधिकारी हैं, और याचिकाकर्ता नंबर दो वकील और भाजपा नेता तरुणज्योति तिवारी हैं. यह पूरी तरह से राजनीतिक साजिश है. दो जजों की पीठ ने दोनों पक्ष की सुनने के बाद हिंसा वाले क्षेत्रों में केद्रीय बलों की तैनाती के आदेश दिये.
शुभेंदु बोले सरकार के मुंह पर तमाचा
कोर्ट के आदेश पर शुभेंदु अधिकारी ने खुश दिखाई दिये और कहा कि यह ममता सरकार के मुंह पर तमाचा है. कोर्ट के आदेश से साफ है कि कोर्ट ने जनता की आवाज सुन ली है और फैसला सुनाया जनहित में सुनाया है.
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