नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बंगला अब कैग (CAG) की जांच के दायरे में आ गया है। मुख्यमंत्री के सिविल लाइंस स्थित आवास में हुए रेनोवेशन को लेकर किए गए खर्च को अब कैग भी ऑडिट करेगी। मामले को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने गृह मंत्रालय से केजरीवाल के […]
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बंगला अब कैग (CAG) की जांच के दायरे में आ गया है। मुख्यमंत्री के सिविल लाइंस स्थित आवास में हुए रेनोवेशन को लेकर किए गए खर्च को अब कैग भी ऑडिट करेगी। मामले को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने गृह मंत्रालय से केजरीवाल के आवास निर्णाण को लेकर जांच कराने की मांग की थी, जिसकी मंजूरी गृह मंत्रालय ने दे दी है।
बता दें, 25 अप्रैल को भाजपा ने केजरीवाल पर अपने बंगले के रेनोवेशन में करोड़ो रुपए खर्च करने का आरोप लगाया था। अब इन्हीं गड़बड़ियों की जांच कैग करेगी। इसमें प्रशासनिक से लेकर वित्तीय गड़बड़ी का जांच भी शामिल है।
मामले को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने गृह मंत्रालय को खत लिख कर केजरीवाल के बंगले पर हुए खर्च की जांच कराने की सिफारिश की थी। उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन पर हुए खर्च को लेकर एक जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था, बताया जा रहा है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय से आवास निर्माण का सीएजी ऑडिट कराने के लिए कहा था। अब इस सिफारिश को गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।
अरविंद केजरीवाल पर दोनों विपक्षी पार्टियों ने सिविल लाइंस में बनाए गए बंगले पर जरूरत से ज्यादा खर्च करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने केजरीवाल पर बंगले के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपए खर्च करने का आरोप लगाया था। भाजपा का कहना है कि केजरीवाल ने सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच अपने बंगले के निर्माण में करोड़ो रुपए खर्च किए। इसमें महंगे मार्बल से लेकर पर्दे और इंटीरियर डेकोरेशन भी शामिल है। बता दें 12 मई को विजिलेंस डिपार्टमेंट ने दिल्ली के उपराज्यपाल को रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में कुल 52.71 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का दावा किया गया है। रिपोर्ट में दिए गए खर्चें में केजरीवाल के घर के अलावा उनके ऑफिस का खर्च भी शामिल है।