पुणे। बीजेपी वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद गिरीश बापट का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। गिरीश बापट के निधन की पुष्टि पुणे बीजेपी शहर के अध्यक्ष जगदीश मुलिक ने की है। उन्होंने बताया कि गिरीश बापट लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिसके चलते हफ्ते में तीन बार उनकी डायलिसिस भी होती थी।
जिसके बाद तबीयत के ज्यादा बिगड़ने पर गिरीश बापट को दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। गिरीश बापट के शव को आज शाम 7 बजे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा। बता दें, बापट ने साल 1973 से राजनीति में सक्रिय हुए थे। पुणे में भाजपा की नींव बनाने का श्रेय भी बापट को ही दिया जाता है। इसी के चलते भाजापा में गिरीश को पुणे की शक्ति भी कहा जाता था।
गिरीश बापट सबसे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। इसके बाद उन्हें 1980 में संघ ने पुणे शहर के सचिव के तौर पर नियुक्त किया। वहीं 1983 में बापट ने पुणे नगरनिगम का चुनाव जीता। जिसके बाद वह लगातार 3 बार पार्षद चुने गए। साल 1986 से 87 तक बापट पुणे नगरनिगम की सटेंडिंग कमेटी में भी शामिल थे।
1995 में पहली बार बापट महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचे। 1997 में उन्हें कृष्ण वैली विकास निगम के निर्देशक के रूप में भी नियुक्त हुए। साल 2019 में वे पुणे लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। इसके अलावा 2014 में फड़नवीस सरकार में वे फूड एवं सिविल सप्लाई मंत्री भी रहे हैं। साथ ही वे संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं।
बता दें, जिस दौरान गिरीश बापट खराब स्वास्थ्य की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए थे, उस समय भाजपा सहित विपक्ष के कई नेता उनका हालचाल पूछने पहुंचे थे। इनमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी प्रमुख शरद पवार सहित अन्य नेता उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए अस्पताल आए थे।
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