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Cyclone Biparjoy :गुजरात तट पर पहुंचा बिपरजॉय तूफान, हवा की रफ्तार 125 किमी. प्रति घंटा

नई दिल्ली : बिपरजॉय तूफान का कहर गुजरात के तट पर देखने को मिल रहा है. तेज बारिश के साथ 125 किमी. प्रित घंटा की रफ्तार से हवा चल रही है. आसपास के इलाके में बिजली काट दी गई है. तेज हवाओं से आस-पास के पेड़ उखड़ गए है. आईएमडी के निदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्रा […]

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16 जून तक नवसरी में स्कूल बंद
  • June 15, 2023 6:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : बिपरजॉय तूफान का कहर गुजरात के तट पर देखने को मिल रहा है. तेज बारिश के साथ 125 किमी. प्रित घंटा की रफ्तार से हवा चल रही है. आसपास के इलाके में बिजली काट दी गई है. तेज हवाओं से आस-पास के पेड़ उखड़ गए है. आईएमडी के निदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्रा के मुताबिक देर रात तक लैंडफॉल जारी रहेगा. आधी रात के बाद तूफान कमजोर होकर राजस्थान की ओर मुड़ जाएगा. सरकार ने एहतियात बरते हुए लगभग 75 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है. इस तूफान का असर देश के 9 राज्यों में देखने को मिल सकता है. ये 9 राज्य गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मेघालय, अरूणाचल प्रदेश, अमस और लक्षद्वीप है.

सरकार ने पूरी कर ली तैयारी

सरकार ने तूफान से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 15 टीम, SDRF की 12 टीम, राज्य सड़क एवं भवन विभाग की 115 टीम और राज्य बिजली विभाग की 397 टीम तटीय जिलों में तैनात की गई है. अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अलावा, एनडीआरएफ की चार टीम और एसडीआरएफ, सेना, तटरक्षक बल तथा बीएसएफ की पांच टीम चक्रवात के बाद राहत और बचाव कार्यें के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि, चक्रवात के बाद के काम जैसे बिजली आपूर्ति, मोबाइल नेटवर्क और अन्य बुनियादी ढांचे बहाली के लिए हमने व्यवस्था की है.

इन मैदानी इलाकों में दिखेगा असर

गौरतलब है कि इस समय भारत के मैदानी इलाके लू और गर्मी की चपेट में हैं. ऐसे में कई मैदानी इलाकों के मौसम पर बिपरजॉय का असर देखने को मिल सकता है जिसमें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नाम भी शामिल है. मौसम विभाग द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार राजस्थान, महाराष्ट्र कर्नाटक लक्षद्वीप, केरल जैसे कई तटीय राज्यों में बिपरजॉय अपना कहर दिखाएगा. इसके अलावा नार्थ ईस्ट के असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में भी इस चक्रवाती तूफ़ान की वजह से बारिश होने के संकेत दिए गए हैं. इसका असर इस साल के मानसून पर भी पड़ा है जहां भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप और पूर्वी भारत के हिस्सों में 18 से 21 जून तक मानसून आगे बढ़ सकता है.

 

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