पटना। तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर कथित हमले को लेकर हुए विवाद की जांच करने के लिए गई 4 सदस्यीय टीम बिहार लौट चुकी है। इस दौरान टीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बिहार मजदूरों के साथ हुई हिंसा को अफवाह बताया। इस टीम में सीआईडी के आईजी पी कन्नन, विशेष सचिव आलोक कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामुरुगन डी और एसटीएफ के एसपी संतोष कुमार शामिल थे।
इस दौरान टीम को लीड कर रहे बालामुरुगन डी ने कहा कि, हमारी टीम की तमिलनाडु में सभी लोगों के साथ मीटिंग हुई। जांच के दौरान पाया गया कि यह सभी वीडियो झूठे थे। फेक वीडियो की वजह से लोगों के भीतर डर बैठ गया था जिसके कारण स्थिति खराब हो गई। फिलहाल हालात सामान्य है।
बालामुरुगन ने कहा कि, राज्य सरकार के निर्देश पर उच्चस्तरीय टीम ने चार से सात मार्च तक चेन्नई, तिरूपुर और कोयंबटूर जिलों में श्रमिक वर्ग से बातचीत कर वायरल वीडियो का सच जानना चाहा, इस दौरान टीम ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी से लेकर संबंधित जिलों के कलेक्टर, एसपी, पुलिस कमिश्नर समेता अन्य प्रतिनिधियों से बातचीत की। वायरल वीडियो और फेक मैसेज को लेकर उनके अंदर फैले डर को दूर करने के लिए तमिलनाडु सरकार की तरफ से हर संभव कदम उठाये जाने का भरोसा दिया गया है। इसके बाद तनाव कम हुआ और अब तमिलनाडु सरकार के कॉल सेंटर्स पर मिलने वाले शिकायत संबंधित कॉल की संख्या में कमी आई हैं।
इसके अलावा बिहार के लोगों पर किए जा रहे हमले को दिखाने वाले सोशल मीडिया पर प्रसारित कुछ वीडियो और जांच रिपोर्ट को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दिया गया है। टीम ने शुक्रवार को अणे मार्ग में स्थित मुख्यमंत्री आवास पर नीतीश कुमार को रिपोर्ट सौंपी है। साथ ही मुख्यमंत्री को विस्तार से पूरे मामले की जानकारी दी है।
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