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पप्पू यादव बोले जमींदारों ने अंग्रेजों की दलाली करके जमीन पाई, आनंद मोहन ने पूछा तुम्हारे पास 9000 बीघा कहां से आई?

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वहां का सियासी पारा चढ़ा हुआ है और दो बाहुबली पप्पू यादव व आनंद मोहन आमने सामने आ गये. आनंद मोहन ने पूर्णिया में आकर देख लेने की चुनौती दी तो पूर्णिया से निर्दलीय सांसद गिड़गिड़ाने लगे.

Anand Mohan Vs Pappu Yadav
inkhbar News
  • April 5, 2025 8:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 days ago

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वहां की राजनीति भयंकर तरीके से गरमा गई है और दो बाहुबली पप्पू यादव व आनंद मोहन आमने सामने आ गये. आनंद मोहन ने पूर्णिया में आकर देख लेने की सीधे चुनौती दे दी. ऐसा लगा कि दशकों पुरानी वर्चस्व की लड़ाई कहीं फिर न शुरू हो जाए लेकिन ऐन मौके पर पप्पू यादव ने अपने पैर पीछे खींच लिये. फेसबुक लाइव करके राजपूत और यादव को भगवान कृष्ण के जमाने से रिश्तेदार बताकर मामले को रफा दफा करने की कोशिश की.

दलाली की जमीन पर दो बाहुबली भिड़े

इसके पहले आनंद मोहन ने ठाकुर के कुएं वाली कहानी पर राजद प्रवक्ता मनोज झा को घेर लिया था और उन्हें भी धमका दिया था. लालू यादव और उनका परिवार मनोज झा के साथ खड़ा नजर आया तो आनंद मोहन के विधायक बेटे चेतन आनंद ने राजद को बॉय बॉय कह दिया था. झगड़े की शुरुआत हुई बुधवार को जब संसद में वक्फ बिल पर बोलते हुए पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि जमींदारों ने अंग्रेजों की दलाली की थी, तभी उन्हें जमीनें मिलीं. गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की जमीनें हड़पी गईं. इस्लाम से पहले बौद्ध धर्म आया, जिसने सर्वधर्म समभाव और वसुधैव कुटुंबकम को मुख्य मंत्र बनाया.

पूर्व सांसद ने मौजूदा सांसद को ललकारा

अगले दिन पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन ने पप्पू यादव के बयान को राजा-राजवाड़े और खुद से जोड़ लिया. कड़क अंदाज में कहा कि पुरखों ने युद्ध में जीतकर जमीन हासिल की थी. उन्होंने जमींदारों और राजा-राजवाड़ों के रूप में दरभंगा महाराज, परबत्ता के साहू परिवार और जाट-गुर्जर का उदाहरण देकर मामले को तान दिया.

पप्पू से पूछा 9000 बीघा जमीन कहां से आई

जिस तरह से पप्पू यादव ने बिना किसी के नाम लिये वार किया था उसी अंदाज में आनंद मोहन ने बिन नाम लिए पूछा कि उनके पास नौ हजार बीघा जमीन कहां से आई? जमींदारी उनके पास भी है, फिर क्या समझा जाए उनके पास भी जमीन उसी माध्यम से आई जिसका जिक्र उन्होंने संसद में किया था. पूर्व सांसद ने कहा कि वीर कुंवर सिंह की जयंती पर पूर्णियां आऊंगा और वहीं सांसद के गरिमाहीन वक्तव्य को चुनौती दूंगा.

मिमियाने लगे पप्पू यादव

दबंग पूर्व सांसद का यह बयान जैसे ही वायरल हुआ पप्पू यादव की घिग्घी बंध गई. वह शुक्रवार को फेसबुक पर लाइव हुए, सफाई दी और माफी भी मांगी. साथ में यादव और राजपूत की कृष्ण भगवान के जमाने से रिश्तेदारी बता दी. यह भी जोड़ा कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था. वह जात पात की राजनीति नहीं करते हैं. उन्होंने किसी राजा-राजवाड़े, जाट-गुर्जर पर कोई टिप्पणी नहीं की बल्कि उन जमींदारों के बारे में सिर्फ अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिन्हें अंग्रेजों की दलाली से जमीनें मिली. इसके बाद चर्चा चल निकली की पप्पू यादव डर गये.

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