नई दिल्ली। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने DERC के चेयरमैन की नियुक्ति को चुनौती दिए जाने के मामले […]
नई दिल्ली। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने DERC के चेयरमैन की नियुक्ति को चुनौती दिए जाने के मामले में केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया है। इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। तब तक DERC के नियुक्त चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस उमेश कुमार शपथ नहीं ले पाएंगे।
Supreme Court issues notice to the Centre and Lieutenant Governor on a petition of Delhi government challenging June 22 notification of appointment of DERC chairman. pic.twitter.com/yYFtocDNo3
— ANI (@ANI) July 4, 2023
कोर्ट की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई है, इसका ये मतलब नहीं है कि आप कुछ भी करेंगे। सिंघवी ने कहा केंद्र सरकार दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार को लेकर अध्यादेश लाई, जिसके तहत एलजी ने DERC में अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी। ये सही नहीं है, क्योंकि दिल्ली का प्रशासन दिल्ली सरकार को चलाना है। सिंघवी ने कहा कि दिल्ली सरकार वोटरों के लिए जिम्मेदार है। लेकिन उसके पास कदम उठाने का कोई अधिकार नहीं है।
सिंघवी ने कहा कि दिल्ली सरकार अपने हिसाब से डीआईआरसी का चेयरमैन नियुक्त करके 200 यूनिट बिजली फ्री देना चाहती थी, लेकिन केंद्र सरकार इसको रोकना चाहती है। वहीं केंद्र सरकार ने मनु सिंघवी की इन सभी दलीलों का विरोध किया है।