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हम हनुमान में विश्वास करते हैं, ताकत का प्रमुख स्त्रोत है – बसवराज बोम्मई

बेंगलुरु। आज विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता देशभर में हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। इस बीच जानकारी है कि चुनाव आयोग की टीम बेंगलुरु में वीर अंजनेय मंदिर में पहुंची, जहां उन्होंने धारा 144 का हवाला देते हुए चालीसा का पाठ रुकवा दिया। इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने […]

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हम हनुमान में विश्वास करते हैं, ताकत का प्रमुख स्त्रोत है – बसवराज बोम्मई
  • May 9, 2023 1:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

बेंगलुरु। आज विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता देशभर में हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। इस बीच जानकारी है कि चुनाव आयोग की टीम बेंगलुरु में वीर अंजनेय मंदिर में पहुंची, जहां उन्होंने धारा 144 का हवाला देते हुए चालीसा का पाठ रुकवा दिया। इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चुनाव आयोग के अधिकारियों का विरोध भी किया, उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ करना किस धारा का उल्लंघन है ?

बसवराज बोम्मई ने क्या कहा ?

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हनुमान चालीसा को लेकर मीडिया से बात की है। उन्होंने कहा कि, हनुमान को लेकर हम लोगों का संदेश स्पष्ट है कि हम हनुमान में विश्वास करते हैं, हम भगवान राम में विश्वास करते हैं। हनुमान ताकत का प्रमुख स्त्रोत है। मैं हर दिन प्रार्थना करता हूं, आज मैंने पब्लिक में प्रार्थना की। बोम्मई ने कहा कि राम के लिए जो हनुमान थे, वैसे ही बजरंगबली भी बजरंग दल के लिए हैं।

बता दें, बसवराज बोम्मई ने सुबह अपने समर्थकों के साथ हुबली के विजय नगर स्थित हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए पहुंचे थे। कांग्रेस के घोषणापत्र में राज्य की सत्ता में वापस आने पर बजरंग दल को बैन करने का वादा किया गया है। जिसे लेकर आज विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल देश भर में हनुमान चालीसा का जाप कर रही हैं।

महासचिव ने क्या कहा ?

मामले को लेकर वीएचपी के महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया है। इसके बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में कांग्रेस और कुछ अन्य हिंदू विरोधी नेताओं ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। ये बहुत ही अपमानजनक है। इसलिए हमने इस कार्यक्रम का आयोजन किया है, ताकि बजरंगबली कांग्रेस समेत अन्य संगठनों को सद्बुद्धि दें।

2 मई को घोषणापत्र किया था जारी

बता दें, कांग्रेस ने 2 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया था। जिसमें पार्टी ने राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर जाति और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की बात की है। पार्टी का कहना था कि, हमारे लिए देश का कानून और संविधान सबसे ज्यादा पवित्र है। कोई व्यक्ति या समूह चाहे वह पीएफआई हो या बजरंग दल कानून का उल्लघंन नहीं कर सकते है। हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाएंगे।

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