नई दिल्ली. बांग्लादेश में तख्तापलट को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टर संगठन को पाकिस्तान और आइएसआई ने खुला समर्थन देकर पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया और ढाका में मौजूद आईएसआई के एक ब्रिगेडियर ने इसके लिए फंडिंग की. पाकिस्तान के तीन राजनयिक शामिल सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय […]
नई दिल्ली. बांग्लादेश में तख्तापलट को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टर संगठन को पाकिस्तान और आइएसआई ने खुला समर्थन देकर पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया और ढाका में मौजूद आईएसआई के एक ब्रिगेडियर ने इसके लिए फंडिंग की.
सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जो जानकारी दी वह काफी चौंकाने वाली है. सूत्रों के मुताबिक तीन पाकिस्तानी राजनयिकों पर भारत को संदेह है. इनमे से एक ने अपना प्रोफाइल भी बदल लिया है, इन तीनों पाकिस्तानी राजनयिकों के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश में सरकार के खिलाफ छात्रों के आंदोलन को आईएसआई से पूरी फंडिंग मिली. ढाका में मौजूद आईएसआई के एक ब्रिगेडियर ने इसके लिए फंडिंग कर अहम भूमिका निभाई. भारत सरकार ने आईएसआई के इस पूरे मास्टर प्लान को एजेंसियों की मदद से डिकोड कर लिया है। बांग्लादेश की पदच्युत प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल से मुलाकात के दौरान इसकी पुष्टि की है.
पाकिस्तान अपना पुराना हिसाब चुकता करना चाहता था लिहाजा वह बांग्लादेश में लंबे समय से सक्रिय था और शेख हसीना को बांग्लादेश से भागने पर मजबूर कर अपना मंसूबा पूरा कर लिया. माना जा रहा है कि पाकिस्तान को चीन से भी सहयोग मिला. शेख हसीना के रहते चीन चाहकर भी बांग्लादेश को अपने अरदब में नहीं ले पा रहा था.
इस घटनाक्रम से भारत परेशान है क्योंकि उसके पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अब बांग्लादेश में मुस्लिम कट्टरपंथियों की सरकार बन गई है जिनकी रणनीति भारत को अस्थिर करने की है. भारत का सबसे बड़ा दुश्मन चीन है जो नहीं चाहता कि भारत दुनिया के मानचित्र पर शक्तिशाली देश के रूप में उभरे.
यही वजह है कि वह भारत को चारो ओर से घेरने में लगा है. उसने पहले से ही भारत के अन्य पड़ोसी देशों नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, मालदीव, पाकिस्तान को साथ लेकर भारत के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ रखा है और अब उसे बांग्लादेश को भी साथ में जोड़ने का मौका मिल गया है. शेख हसीना भारत समर्थक मानी जाती है लिहाजा उनके रहते उसकी दाल नहीं गल पा रही थी.
बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद पड़ोसी देश में हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हमले के पीछे पाकिस्तान और आईएसआई का हाथ होने के पुख्ता सबूत मिल रहे हैं. जिस तरीके से इस्कॉन मंदिर पर हमला हुआ उससे आईएसआई के प्लान को समझा जा सकता है.
यही भी पढ़ें-