नई दिल्ली. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़ने से पहले देशवासियों के नाम संदेश रिकार्ड कराना चाहती थीं लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाईं. इसकी वजह यह थी कि वहां की सेना ने उन्हें देश छोड़ने के लिए सिर्फ 45 मिनट का समय दिया था जिसमें यह संभव नहीं था. जानकारी के मुताबिक […]
नई दिल्ली. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़ने से पहले देशवासियों के नाम संदेश रिकार्ड कराना चाहती थीं लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाईं. इसकी वजह यह थी कि वहां की सेना ने उन्हें देश छोड़ने के लिए सिर्फ 45 मिनट का समय दिया था जिसमें यह संभव नहीं था.
जानकारी के मुताबिक बांग्लादेशी सेना का सख्त संदेश मिलने के बाद शेख हसीना ने अपना इस्तीफा टाइप करवाया और राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को भिजवा दिया. संदेश रिकार्ड कराने का टाइम उन्हें नहीं दिया गया. इसके बाद मायूस हसीना अपनी बहन रेहाना को लेकर सेना के हेलिकॉप्टर से निकल गईं.
बांग्लादेश में उथल-पुथल पिछले लगभग दो महीने से चल रहा था. मुद्दा था आरक्षण, शेख हसीना उच्च न्यायालय के आदेश से बंधी थी और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था लिहाजा वह आंदोलनकारियों के सामने अपनी विवशता जाहिर कर रही थीं. चूंकि आंदोलन में कट्टरपंथी घुस आये थे इसलिए प्रदर्शनकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे और शेख हसीना का भी रूख सख्त था.
हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को 7 फीसद तक सीमित कर दिया और 93 फीसद को कोटे से बाहर कर दिया लेकिन तब तक आंदोलन ने सियासी रुख ले लिया था और आंदोलनकारी उनके इस्तीफे से कम कुछ भी स्वीकार करने को तैयार नहीं थे. 20 साल तक बांग्लादेश पर राज करने वाली शेख हसीना ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ऐसा आएगा जब कट्टरपंथी इस तरह से हावी हो जाएंगे. जो सेना उनके हुक्म का इंतजार करती है वो उन्हें जान बचाने के लिए महज 45 मिनट देगी.
बांग्लादेश सेना के प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान उनके लिए चेतावनी जारी करेंगे. आपको बता दें कि शेख हसीना बांग्लादेश की लगभग 20 साल तक पीएम रहीं और उन्हें भारत समर्थक माना जाता है. वह 5 बार देश की पीएम बनीं, 1986 में पहली बार अस्थाई तौर पर पीएम बनीं, फिर उसी साल चुनाव में जीतकर दोबारा प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुईं. इसके बाद उन्होंने 2009 में दूसरी बार पीएम पद की शपथ ली, इसी तरह 2014 और 2019 में पीएम बनीं. 2014 के चुनाव में उनकी पार्टी आवामी लीग सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और वह पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनीं.
बांग्लादेश की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि पीएम हाउस गणभवन में प्रदर्शनकारियों ने धावा बोल दिया. वायरल फुटेज में एक प्रदर्शनकारी पीएम हाउस के बेडरूम में पैर फैलाये आराम करते देखा जा सकता है. दूसरे वीडियो में पीएम हाउस के किचन से सामान उठाते और चिकन खाते हुए देखकर चौंक जाएंगे. प्रदर्शनकारी बांग्लादेश के पार्लियामेंट ‘जातीय संसद’ में भी घुस गये और काफी देर तक हंगामा करते रहे.
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