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पार्थ और अर्पिता को 18 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया

कोलकाता, आज पार्थ और अर्पिता की कोर्ट में पेशी हुई, इस दौरान दोनों की जमानत पर भी फैसला हुआ. अदालत ने शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 18 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजने के निर्देश दिया, वहीं, ED ने अर्पिता की जान का खतरा बताते हुए […]

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पार्थ और अर्पिता को 18 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया
  • August 5, 2022 7:31 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

कोलकाता, आज पार्थ और अर्पिता की कोर्ट में पेशी हुई, इस दौरान दोनों की जमानत पर भी फैसला हुआ. अदालत ने शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 18 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजने के निर्देश दिया, वहीं, ED ने अर्पिता की जान का खतरा बताते हुए उनके लिए सुरक्षा की भी मांग की.

अर्पिता की जान को खतरा

शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की जमानत पर कोलकाता के सिटी सेशन कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. कोर्ट ने आदेश को सुरक्षित रख लिया है अब बस थोड़ी देर में पार्थ और अर्पिता की जमानत पर फैसला आ जाएगा. ईडी ने कोर्ट में कहा है कि अर्पिता मुखर्जी को लेकर खतरे की आशंका है इसलिए ED ने उन्हें सुरक्षा देने की मांग की है. साथ ही ईडी ने कहा कि टेस्ट करने के बाद ही अर्पिता को भोजन और पानी दिया जाना चाहिए, वहीं, पार्थ चटर्जी को लेकर ED ने कहा कि इन्हें लेकर खतरे की कोई आशंका नहीं है.

क्या है फ़्लैट नंबर 503 का राज़?

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी की कार्रवाई जारी है, पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी से पूछताछ के बीच दोनों की संपत्तियो को भी खंगाला जा रहा है. ‘नोटों के पहाड़’ और तमाम कागजों के मिलने के बीच ईडी की कार्रवाई फ्लैट नंबर 503 पर आकर रुक गई है. दरसल, ईडी की टीम यह सुराग जुटाने में लगी है कि आखिर इस फ्लैट का राज क्या है, क्योंकि इसे खोलने में अब तक ईडी कामयाब नहीं हो पाई है. वहीं, पांडित्या रोड अपार्टमेंट के इस फ्लैट में गुरुवार को एक बार फिर ईडी की टीम पहुंची थी, लेकिन इसका ताला तब भी नहीं खुलवाया जा सका.

नहीं खुला ताला

ईडी की टीम सबसे पहल रबिंद्र सरोवर पुलिस थाने पहुंची थी, वहां पुलिसकर्मियों और ताला खोलने वाले को साथ लेकर ईडी की टीम फ़्लैट पर पहुंची, इसी दौरान दरवाजा तोड़ने की कोशिशें भी की गई लेकिन तमाम कोशिश विफल होती नज़र आई. इसके बाद अफसरों ने एसोसिएशन के सेक्रेट्री से संपर्क किया और फिर सेक्रेट्री ने उन्हें बिल्डिंग के लिए ताला बनाने वाले से भी मिलवाया, इसके बावजूद अफसरों को कामयाबी नहीं मिल सकी. वहीं, पड़ोसियों का कहना है कि इस फ्लैट में करीब पांच साल से ताला बंद है, और अब इसकी चाबी ढूंढने में ईडी को नहीं मिल पा रही है.

 

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