Anand Mohan रिहाई के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जानिए पूरा मामला

Inkhabar, Anand mohan। बिहार के पूर्व सांसद और बाहुबली Anand Mohan की रिहाई मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बता दें, Anand Mohan गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के दोषी है। सुप्रीम कोर्ट में जी कृष्णैय की पत्नी उमा देवी ने आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ याचिका दाखिल की […]

Advertisement
Anand Mohan रिहाई के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जानिए पूरा मामला

Vikas Rana

  • May 8, 2023 9:20 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

Inkhabar, Anand mohan। बिहार के पूर्व सांसद और बाहुबली Anand Mohan की रिहाई मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बता दें, Anand Mohan गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के दोषी है। सुप्रीम कोर्ट में जी कृष्णैय की पत्नी उमा देवी ने आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ याचिका दाखिल की है। जिस पर आज सुनवाई होनी है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे.के. माहेश्वरी की बेंच करेंगी।

नीतीश सरकार ने बदले नियम

बता दें, कुछ दिन पहले ही नीतीश सरकार ने जेल के नियमों में बदलाव करते हुए आनंद मोहन समेत 26 कैदियों को रिहा किया है। बिहार की सहरसा जेल में आनंद मोहन उम्र कैद की सजा काट रहे थे। आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बीजेपी ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाया है कि आनंद मोहन की आड़ में जिन अन्य 26 कैदियों को रिहा कराया गया हैं। वो सभी जंगलराज के पुरोधा हैं।

अब इनकी रिहाई के बाद एक बार फिर बिहार में गुंडाराज आने वाला है। इसके अलावा रिहाई को लेकर जी कृष्णैया की बेटी और पत्नी ने भी नीतीश सरकार से अपने फैसले पर पुर्नविचार करने की अपील की थी। जिसके बाद जब नीतीश सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए तो कृष्णैया के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। बता दें, आनंद मोहन की रिहाई को लेकर आईएएस लॉबी में काफी ज्यादा आक्रोश हैं।

क्या है पूरा मामला ?

बता दें, साल 1994 में जी कृष्णैया की हत्या उस वक्त हुई थी जब वो गोपालगंज के डीएम थे। मुजफ्फरपुर मेंशव यात्रा के जुलूस निकालने के दौरान उन पर हमला हुआ था। इस दौरान भीड़ ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी। आगे जाकर भीड़ को भड़काने और हत्या को कराने के आरोप आनंद मोहन पर लगे थे। इस मामले में पुलिस ने आनंद मोहन समेत 6 लोगों को आरोपी बनाया था। जिसके बाद उसे 2007 में फांसी की सजा हुई थी। जिसे 2008 में हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया था। जिसके बाद से वो सजा काट रहे थे।

Advertisement