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संसद में गरजे अमित शाह, आतंकी दिखेंगे तो हम माथे पर गोली मारेंगे!

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को राज्यसभा में खूब गरजे. उन्होंने कहा कि वो जमाना गया जब वोट बैंक खोने के डर से आतंकी घटनाओं पर साफ्ट एप्रोच अपनाया जाता था. यह मोदी सरकार है जिसमें जम्मू कश्मीर के आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व के उग्रवाद के प्रति जीरो टोलरेंस है. आतंकी के दिखते ही हम सीधे गोली मारते हैं.

Amit Shah in Parliament
  • March 21, 2025 5:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 days ago

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज राज्यसभा में गजब गरजे. उन्होंने कहा कि वो जमाना गया जब वोट बैंक खोने के डर से आतंकी घटनाओं पर साफ्ट एप्रोच अपनाया जाता था. यह मोदी सरकार है जिसमें जम्मू कश्मीर के आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व के उग्रवाद के प्रति जीरो टोलरेंस है. आतंकियों को देखकर हम सीधे गोली मारते हैं.

इन तीन समस्याओं के चलते चार दशक में देश के 92 हजार नागरिक मारे गये. ये तीन समस्याएं नासूर बन गई थी जिसे खत्म करने के लिए सुनियोजित प्रयास कभी नहीं हुआ था. नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया है. अमेरिका और इजरायल के बाद भारत तीसरा देश बन गया है जो आंतकवादियों का सफाया पड़ोसी मुल्क में घुसकर करता है.

मोदी सरकार ने तीन नासूर का किया इलाज

अमिच शाह संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में शुक्रवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि 2014 में जब नरेन्द्र मोदी सरकार आई, तब कई सारे मुद्दे हमें विरासत में मिले. देश की सुरक्षा, विकास और सार्वभौमिकता को तीन बड़ी समस्याओं जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व के उग्रवाद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था.

देश के 92 हजार नागरिकों ने पिछले चार दशक में अपनी जान देकर आहुति दी है. इनके उन्मूलन के लिए एक सुनियोजित प्रयास कभी नहीं हुआ था लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जैसे ही सरकार बनी, रणनीति के तहत काम हुआ. आज स्थिति यह है कि हम तो आतंकवादी दिखते ही दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं.

आतंकी के दो आखों के बीच में गोली मारते हैं

शाह ने यूपीए सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पहले की सरकारों को वोट बैंक खोने का डर सताता था. साफ्ट एप्रोच था लेकिन मोदी सरकार में तीनों समस्याओं को लेकर जीरो टोलरेंस है. हमारी सरकार बनने के बाद भी हमले हुए, उरी-पुलवाला पर हमला हुआ. हमला करने वाले भूल गये कि यह मोदी सरकार है. याद है न क्या हुआ, मोदी सरकार ने इन हमलों के 10 दिन के भीतर सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक करके सख्त संदेश दिया.

जम्मू कश्मीर का विशेष तौर पर जिक्र किया और कहा कि आर्टिकल-370 हटने के बाद युवाओं का आतंकियों से जुड़ाव खत्म हो गया है. 10 साल पहले आतंकियो का गुणगान व महिमामंडन होता था, जनाजे निकाले जाते थे, नारे लगते थे. अब उन्हें चुपचाप दफना दिया जाता है. इतना ही नहीं सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे आतंकवादियों के रिश्तेदार को सरकारी पदों से हटा दिया गया ताकि कड़ा संदेश दिया जा सके.

दो निशान, दो प्रधान और दो विधान का जमाना गया 

शाह ने दो टूक कहा कि देश में दो निशान, दो प्रधान और दो विधान नहीं होंगे. देश में एक ही पीएम होगा, एक ही विधान और देश का ​झंडा भी एक ही हो सकता है. 5 अगस्त 2019 को एक निशान, एक विधान और एक प्रधान का नया दौर शुरू हुआ और कश्मीर को भारत के साथ एकरूप किया गया. कश्मीर में 33 साल से सिनेमाहाल नहीं खुले थे, तजिया के जुलूस को अनुमति नहीं थी जिसकी इजाजत मोदी सरकार में दी.

विदेशी मेहमानों ने देखा कितना बदल गया कश्मीर

जी 20 के दौरान दुनिया भर के राजनयिकों ने कश्मीर जाकर वहां के व्यंजन, संस्कृति व खूबसूरती का लुत्फ उठाया. 2015 में मोदी सरकार ने 80 हजार करोड़ रुपये की 63 परियोजनाओं की शुरुआत की. नतीजा सबके सामने है. गृह मंत्री ने कहा कि जो काला चश्मा पहनकर आंखें मूंदे बैठे हैं, उनको कैसे नजारा दिखाया जा सकता है. जब नजर में ही आतंकी है तो आपको सपने में भी आएगा. हम तो देखते ही दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं.

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