बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों ने क्रिसमस जैसे बड़े त्योहार पर ईसाइयों के करीब 17 घरों को आग के हवाले कर दिया। यह घटना बंदरबन जिले के लामा इलाके में अंजाम दी गई।
नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में जहां पहले हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा था, वहीं अब वहां रहने वाले अन्य अल्पसंख्यक समूहों के साथ भी हिंसा शुरू हो गई है। इस बार इस्लामी कट्टरपंथियों ने क्रिसमस के दिन ईसाइयों के करीब 17 घरों में आग लगा दी। इस घटना को बंदरबन जिले के लामा इलाके में अंजाम दिया गया।
यह हमला 25 दिसंबर की सुबह हुआ, जब ग्रामीण क्रिसमस मनाने के लिए पड़ोसी गांव में प्रार्थना करने गए थे। इस हमले को ईसाई समुदाय पर अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, टोंगजिरी इलाके के न्यू बेटाचरा पारा गांव के लोग चर्च न होने की वजह से दूसरी जगह त्योहार मनाने गए थे। तभी उनकी पीठ पीछे बदमाशों ने गांव पर हमला कर दिया और 17 घरों को पूरी तरह जला दिया। इस हमले में 15 लाख टका से ज्यादा के नुकसान का अनुमान है।
न्यू बेटाचरा पारा गांव के लोगों ने मीडिया को बताया कि पिछले महीने 17 नवंबर को बदमाशों ने उन्हें गांव खाली करने की धमकी दी थी। इस पर गंगा मणि त्रिपुरा नामक व्यक्ति ने लामा थाने में 15 आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब घर जलने के बाद पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। गंगा मणि त्रिपुरा ने कहा, “हमारे घर पूरी तरह जल गए हैं। अब हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है।”
त्रिपुरा समुदाय के लोगों का दावा है कि वे कई पीढ़ियों से इस जगह पर रह रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में उन्हें वहां से हटाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस जमीन को एक पुलिस अधिकारी और पूर्व आईजीपी बेनजीर अहमद को पट्टे पर दे दिया है। पहले यहां एसपी गार्डन हुआ करता था।
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