लखनऊ। आरिफ और सारस की दोस्ती के बारे में सभी लोग परिचित है। अब ऐसा ही एक नया मामला कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के छतौना गांव में देखने को मिला है। जहां पर अफरोज नाम एक व्यक्ति को वन विभाग ने उसके सारस दोस्त से अलग करने के अलावा अफरोज के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज […]
लखनऊ। आरिफ और सारस की दोस्ती के बारे में सभी लोग परिचित है। अब ऐसा ही एक नया मामला कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के छतौना गांव में देखने को मिला है। जहां पर अफरोज नाम एक व्यक्ति को वन विभाग ने उसके सारस दोस्त से अलग करने के अलावा अफरोज के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर दिया है।
बता दें, कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के छतौना गांव में सारस होने की सूचना मिलने के बाद मंगलवार देर शाम वन विभाग की टीम पहुंची थी। इस दौरान गांव निवासी अफरोज के घर पर सारस पाया गया था। जिसके बाद वन विभाग की टीम डीएफओ के निर्देश पर रात में ही सारस को जिला मुख्यालय ले आई थी।
बाद में सारस को पूरी रात एसडीओ के आवास पर रखा गया। जबकि बुधवार को प्रभागीय वनाधिकारी राज कुमार त्रिपाठी ने अपने आवास पर सारस को रखवाकर उसकी देखरेख करने के लिए वन कर्मियों की ड्यूटी लगा दी है।मामले पर वनाधिकारी ने बताया कि फिलहाल सारस पाए जाने की सूचना मुख्य वन संरक्षक को दे दी गई है। और सारस की देखरेख का पूरा प्रबंध विभागीय स्तर पर किया गया है। केयर टेकर की देखरेख में उसके चारा पानी की व्यवस्था की गई है।
आरिफ की ही तरफ सारस को पालने वाले अफरोज के खिलाफ वन विभाग ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा तीन के तहत राज्य पक्षी को अनाधिकृत रूप से पालने, धारा नौ के तहत किसी भी वन्य जीव का शिकार करने का केस दर्ज किया है। वहीं धारा 38 के तहत वन्य जीव संरक्षण का उल्लंघन करने पर केस दर्ज किया गया है। इस संबंध में एसडीओ देवेंद्र सिंह को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
सारस को ले जाने और मुकदमा दर्ज किए जाने पर अफरोज ने कहा कि स्वीटी ( सारस का नाम) जब बहुत छोटा था तब से हमारे साथ रहता था। जब वह अकेला था तब कोई नहीं आया अब उसे उठा कर ले गए। इसके जाने से पूरा परिवार काफी ज्यादा दुखी है। अभी वह उड़ भी नहीं सकता है।
अगर सारस उड़ना सीख जाता तो उसकी जहां इच्छा होती उड़ कर चले जाता। अब उसके जाने से हम सभी दुखी है। घर के बच्चे भी पूछते है कि स्वीटी आएगी या नहीं। अफरोज ने आगे कहा कि हमें राजनीति से कोई मतलब नहीं है प्रशासन द्वारा जैसा करने को बोला जाऐगा मैं करूंगा। लेकिन जब तक वह उड़ना नहीं सीखा जात, स्वीटी को मुझे दे दो।