मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक और दिवंगत गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी आखिरकार 2 साल 8 महीने की कैद के बाद आज कासगंज जेल से रिहा हो गए. सुप्रीम कोर्ट ने 7 मार्च 2025 को अब्बास को गैंगस्टर एक्ट मामले में अंतरिम जमानत प्रदान की लेकिन कुछ सख्त शर्तें भी लगाईं.
Abbas Ansari: मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक और दिवंगत गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी आखिरकार 2 साल 8 महीने की कैद के बाद आज कासगंज जेल से रिहा हो गए. लंबे कानूनी संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 7 मार्च 2025 को गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में अंतरिम जमानत दी थी. इसके बाद चित्रकूट कोर्ट ने दो-दो लाख रुपये के जमानतदारों के साथ उनकी रिहाई का आदेश जारी किया जो आज कासगंज जेल पहुंचने के बाद अमल में आया.
अब्बास अंसारी को नवंबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था. शुरू में उन्हें चित्रकूट जेल में रखा गया लेकिन फरवरी 2023 में प्रशासनिक कारणों से कासगंज जेल स्थानांतरित कर दिया गया. इस दौरान उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए. जिनमें 31 अगस्त 2024 को चित्रकूट के कोतवाली करवी थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत एक केस शामिल था. इस मामले में उन पर जबरन वसूली और मारपीट के आरोप लगे थे.
सुप्रीम कोर्ट ने 7 मार्च 2025 को अब्बास को गैंगस्टर एक्ट मामले में अंतरिम जमानत प्रदान की लेकिन कुछ सख्त शर्तें भी लगाईं. कोर्ट ने उन्हें लखनऊ में अपने आधिकारिक आवास पर रहने का निर्देश दिया और मऊ या उत्तर प्रदेश से बाहर जाने के लिए जिला प्रशासन और ट्रायल कोर्ट से पूर्व अनुमति लेने को कहा. साथ ही पुलिस को उनकी गतिविधियों पर नजर रखने और छह सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया गया. जमानत के बावजूद रिहाई में देरी हुई क्योंकि 18 मार्च तक परवाना जेल नहीं पहुंचा था. आज यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनकी रिहाई संभव हो सकी.
अब्बास को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 18 अक्टूबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी थी. उनके खिलाफ दर्ज 10 अन्य मामलों में भी जमानत हो चुकी थी लेकिन सितंबर 2024 में गैंगस्टर एक्ट का नया केस दर्ज होने से रिहाई टल गई थी. अब इस अंतिम मामले में जमानत मिलने से जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया.
अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और सुभासपा गठबंधन के तहत मऊ सीट से चुनाव लड़ा और 39,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. उनके पिता मुख्तार अंसारी भी मऊ से पांच बार विधायक रहे थे. मुख्तार की मार्च 2024 में जेल में मृत्यु हो गई थी. अब्बास का राजनीतिक सफर उनके परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है.
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