नई दिल्ली, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखकर अपने बयान के लिए उनसे माफ़ी मांगी है. उन्होंने कहा कि जुबान फिसलने की वजह से उन्होंने राष्ट्रपति के लिए अनुपयुक्त शब्द का इस्तेमाल किया, उन्हें इसके लिए बहुत खेद है और वो इसके लिए माफी मांगते है. […]
नई दिल्ली, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखकर अपने बयान के लिए उनसे माफ़ी मांगी है. उन्होंने कहा कि जुबान फिसलने की वजह से उन्होंने राष्ट्रपति के लिए अनुपयुक्त शब्द का इस्तेमाल किया, उन्हें इसके लिए बहुत खेद है और वो इसके लिए माफी मांगते है.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपनी चिट्ठी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से माफ़ी मांगते हुए लिखा – मैंने आपके पद को परिभाषित करने के लिए गलती से एक अनुपयुक्त शब्द का इस्तेमाल किया था. मुझे इसका बहुत खेद है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ऐसा सिर्फ जुबान फिसलने की वजह से हुआ था, मैं इसके लिए तहे दिल से माफ़ी मांगता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आप मुझे माफ़ कर देंगी.
अधीर रंजन ने माफ़ी मांगने के साथ ही भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. भाजपा पर वार करते हुए रंजन ने कहा- मैं इंतजार कर रहा हूं कि भाजपा मुझे आतंकवादी घोषित करे और मुझे यूएपीए के तहत गिरफ्तार करवाए. वे आदिवासियों के चैंपियन बनना चाहते हैं, लेकिन छुपा रहे हैं कि किस तरह की हत्याएं हो रही हैं. सोनिया गांधी के नेतृत्व में लाए गए कानूनों में बदलाव किया जा रहा हैं, भाजपा तो आदिवासियों के खिलाफ काम कर रही है.
बीते दिन अधीर रंजन चौधरी के राष्ट्रपति वाले बयान पर जमकर बवाल हुआ. मामला तूल पकड़ता देख अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘मैं राष्ट्रपति का अपमान करने के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकता, यह सिर्फ एक गलती थी. अगर राष्ट्रपति को बुरा लगा तो मैं व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलूंगा और अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगूंगा, फिर चाहे वो मुझे फांसी ही क्यों न दें दें. मैं सजा भुगतने को तैयार हूं लेकिन उन्हें (सोनिया गांधी) इसमें क्यों घसीटा जा रहा है? चौधरी ने कहा, भाजपा के पास कांग्रेस के खिलाफ कोई मुद्दा है ही नहीं, इसलिए वह कांग्रेस के खिलाफ मसाला ढूंढ़ रही है. चौधरी ने कहा कि मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने सफाई भी दी कि देश की सर्वोच्च कुर्सी को नीचा दिखाने का उनका कोई इरादा नहीं था.
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