पटना। 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और बाद में देश के प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी की सभा में ब्लास्ट हुआ था। इस बम ब्लास्ट को लेकर अब STF को बड़ी कामयाबी मिली है। बता दें, STF की टीम ने शनिवार देर रात को दरभंगा के अशोक पेपर […]
पटना। 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और बाद में देश के प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी की सभा में ब्लास्ट हुआ था। इस बम ब्लास्ट को लेकर अब STF को बड़ी कामयाबी मिली है। बता दें, STF की टीम ने शनिवार देर रात को दरभंगा के अशोक पेपर मिल थाना क्षेत्र के सिंधौली गांव से धमाके के आरोपी मेहरे आलम को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले NIA ने मेहरे आलम को गिरफ्तार कर अपने साथ मुजफ्फरपुर ले गई थी, लेकिन वह चकमा देकर फरार हो गया था। इसके बाद NIA ने मेहरे आलम के खिलाफ मुजफ्फरपुर के नगर थाना में 30 अक्टूबर, 2013 को मामला दर्ज किया था। बता दें, केस में पहले से गिरफ्तार लोगों को सजा दी जा चुकी है।
इस मामले में एनआईए कोर्ट के न्यायाधीश गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा ने आंतकी इम्तियाज, हैदर अली, नोमान अंसारी और मुजीबुल्लाह को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके अलावा दो अन्य आतंकियों उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन को उम्र कैद, जबकि अहमद हुसैन और फिरोज आलम को 10 वर्ष की सजा सुनाई थी।
बता दें, 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान के सभा स्थल सहित पटना जंक्शन पर बम ब्लास्ट हुआ था। इसमें 6 लोगों की मौत हुई थी और लगभग 82 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में NIA ने मेहरे आलम को भी बम ब्लास्ट का आरोपी बनाया था। इसी दौरान NIA की टीम ने मेहरे आलम को बतौर गवाह बनाकर अपने साथ ले गई थी। मेहरे आलम की निशानदेही पर 29 अक्टूबर 2013 को मुजफ्फरपुर के मीरपुर में कई जगहों पर छापेमारी की गई थी।
लेकिन कोई सफलता ना मिलने पर पूरी टीम मेहरे को लेकर मुजफ्फरपुर के होटल में ठहर गई। इसी दौरान मेहरे अचानक फरार हो गया। सुबह उठने पर एनआईए की टीम को जब मेहरे नहीं मिला तो उन्होंने 30 अक्टूबर 2013 को मुजफ्फरपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।