नई दिल्ली। दिल्ली में मेयर का चुनाव तीसरी बार रद्द हो गया। सोमवार को बुलाई गई दिल्ली नगर निगम सदन की तीसरी बैठक में भी मेयर पद के चुनाव के लिए होने वाली वोटिंग को अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले मेयर चुनने की दो कोशिश नाकाम रही थी। […]
नई दिल्ली। दिल्ली में मेयर का चुनाव तीसरी बार रद्द हो गया। सोमवार को बुलाई गई दिल्ली नगर निगम सदन की तीसरी बैठक में भी मेयर पद के चुनाव के लिए होने वाली वोटिंग को अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले मेयर चुनने की दो कोशिश नाकाम रही थी। बता दें, बीजेपी ने मेयर पद के लिए जहां रेखा गुप्ता को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं आप की ओर से शैली ओबरॉय मेयर पद की उम्मीदवार है। आज मेयर और डिप्टी मेयर के साथ एमसीडी के स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव होना था, लेकिन चुनाव से पहले ही बार फिर दोनों ओर से आरोप प्रत्यारोप के दौर शुरू हो गया है।
बता दें, सदन की तीसरी बैठक स्थगित होने के बाद मेयर चुनाव कराने को लेकर आम आदमी पार्टी आज सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। इस संबंध में आम आदमी पार्टी की नेत्री आतिशी ने कहा कि मेयर का चुनाव अदालत की निगरानी में कराने के लिए पार्टी आज ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
आज कार्यवाही के दौरान पीठासीन अधिकारी ने आम आदमी पार्टी के पार्षद दल के नेता मुकेश गोयल से अपने सहयोगियों को शांत करवाने के साथ ही चुनाव की प्रक्रिया में साथ देने के लिए कहा, अधिकारी ने कहा कि, जनता ने उन्हें दिल्ली की सेवा करने के लिए भेजा है, बार-बार हंगामा करना ठीक नहीं है। इसके बाद भी जब पार्षदों का हंगामा नहीं रुका तो सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
10 मिनट के स्थगन के बाद पीठासीन अधिकारी सदन में फिर से अपनी चेयर पर लौटी, जिसके बाद स्थाई समिति की पूर्व अध्यक्ष रही भाजपा पार्षद शिखा राय ने पीठासीन अधिकारी के सामने मांग रखी कि आम आदमी पार्टी के दो विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी और एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज है इसलिए उन्हें वोट देने का हक ना दिया जाए। इसके बाद सदन में फिर से हंगामा बढ़ गया।
जिसके बाद सदन में हंगामा तेज हो गया। इसके अलावा आप पार्षद लगातार वापस जाओ, वापस जाओ के नारे लगाने लगे, हंगामे को बढ़ता देख पीठासीन अधिकारी ने सदन को अगली तिथि क लिए स्थगित कर दिया और इस तरह आज भी मेयर के चुनाव नहीं हो पाए।
बता दें, इससे पहले एमसीडी सदन की बैठक 6 जनवरी और 24 जनवरी को दो बार बुलाई गई थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी और आप के पार्षदों के हंगामे के कारण पीठासीन अधिकारी ने महापौर का चुनाव कराए बिन कार्यवाही स्थगित कर दी थी।