Biparjoy के कारण 67 ट्रेनें हुई रद्द, बन सकता है सबसे लंबी अवधि वाला तूफान

नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biparjoy) गुजरात के तट से 15 जून को टकराने वाला है। लेकिन इससे पहले ही इस तूफान ने अपना खतरनाक रूप अख्तियार कर लिया है। चक्रवात के कारण तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है, जबकि लोगों को इन क्षेत्रों से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने […]

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Biparjoy के कारण 67 ट्रेनें हुई रद्द, बन सकता है सबसे लंबी अवधि वाला तूफान

Vikas Rana

  • June 13, 2023 9:23 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biparjoy) गुजरात के तट से 15 जून को टकराने वाला है। लेकिन इससे पहले ही इस तूफान ने अपना खतरनाक रूप अख्तियार कर लिया है। चक्रवात के कारण तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है, जबकि लोगों को इन क्षेत्रों से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम अभी भी जारी है। आसपास के इलाकों में भी तेज हवाओं की वजह से पेड़ उखड़ कर गिर गए। दूसरी तरफ समुद्र में नावों को रोकने के लिए कोस्ट गार्ड ने भी गश्त करना शुरू कर दिया है। वहीं केंद्र सरकार की तरफ से एनडीआरएफ की सात टीमों को गुजरात में तैनात किया गया है।

Biparjoy तूफान के कारण 67 ट्रेनों को किया गया रद्द

वहीं बिपरजॉय चक्रवात के चलते 67 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। पश्चिम रेलवे ने चक्रवात संभावित क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर ट्रेनों को पूरी तरह से रद्द करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा पश्चिम रेलवे द्वारा विभिन्न सुरक्षा सावधानियां भी बरती जा रही है।

बन सकता है सबसे लंबी अवधि वाला तूफान

वहीं मौसम विभाग ने बिपारजॉय को अरब सागर में अब तक का सबसे लंबे समय तक बने रहने वाला चक्रवाती तूफान बताया है। इससे पहले अरब सागर के ऊपर 2019 में आए अत्यत गंभीर श्रेणी के चक्रवात क्यार की अवधि नौ दिन और 15 घंटे थी। जबकि बिपरजॉय की अवधि अब तक लगभग सात दिन और 12 घंटे है।

गुजरात में आ चुके है 2 बड़े तूफान

विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1965 से 2022 के बीच अरब सागर के ऊपर 13 चक्रवात विकसित हो चुके है। इनमें से दो ने गुजरात तट को पार किया था। इसके अलावा एक ने महाराष्ट्र, एक ने पाकिस्तान तट को वहीं तीन चक्रवात ने ओमान-यमन तटों को पार किया और 6 चक्रवात समुद्र के ऊपर ही कमजोर पड़ गए थे। वहीं गुजरात में 2023 से पहले केवल दो चक्रवात गुजरात तट को पार कर पाए थे और इनमें एक 1996 में गंभीर तो दूसरा 1998 में अत्यंत गंभीर श्रेणी का चक्रवाती तूफान देखने को मिला था।

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